मकर और कुंभ का स्वामी शनि तुला में उच्च, मेष में नीच का होता है। लाल किताब में आठवें भाव में शनि बली और ग्यारहवां भाव पक्का घर है। सूर्य, चंद्र और मंगल की राशियों में शनि बुरा फल देता है। लेकिन यहां छठवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : किस्मत लिखने का मालिक। भैंस पालना या दूध का धंधा लाभदायक हो सकता है। संपत्ति, यश और अधिकार में से कोई एक चीज ही मिलेगी। यदि शादी के 28 साल के बाद होगी तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। यदि केतु अच्छी स्थित में हो जातक धन, लाभदायक यात्राओं और बच्चों के सुख का आनंद पाता है। यदि शनि नीच का हो तो शनि से संबंधित चीजें हानि पहुंचा सकती है। खासकर तब, जब शनि वर्षफल में छठवें भाव में हो। आपका शरीर सुंदर, पुष्ट और निरोगी होगा। पाचनशक्ति अच्छी होगी।
5 सावधानियां :
1. 39 साल की उम्र के बाद ही मकान बनवाएं।
2. शराब न पिएं।
3. चमड़ा, लोहा आदि खुद ना खरीदें। पहले भी नहीं।
4. ब्याज का धंधा ना करें।
5. फालतू के खर्चें न करें।
क्या करें :
1. दुर्गा माता की उपासना करें।
2. बहनों की सेवा करें और कन्याओं को भोजन कराते रहें।
3. सांप को दूध पिलाएं।
4. नदी या बहते पानी में नारियल और बादाम बहाएं।
5. काले कुत्ते और कौवे को रोटी खिलाएं।
6. यदि शनि ग्रह से संबंधित काम रात में किया जाय तो हमेशा लाभदायक परिणाम मिलेंगे।