लाल किताब के अनुसार शनि की कुंडली में स्थिति देखकर कुछ वर्जित कार्य बताए गए हैं। यदि आप उन कार्यों को करते हैं तो शनि का बुरा प्रभाव प्रारंभ हो जाएगा और वह जीवन में परेशानियां खड़ी कर देगा। आओ जानते हैं कुछ खास जानकारी।
*शनि अष्टम भाव में हो तो किसी के लिए मुफ्त आवास का निर्माण न करें।
*शनि लग्न में व गुरु पंचम में हो तो कभी भी ताम्बे का दान नहीं करें।
*शनि बलवान होने पर शनि की वस्तु शराब दूसरों को न पिलाएं।
*शनि, आठवें भाव में हो तो भोजन, वस्त्र या जूते आदि का दान न करें।
*शनि प्रथम तथा गुरु पंचम में हो तो तांबे का दान न करें।
*दूसरा घर खाली हो तथा आठवें में अकेला शनि हो तो मंदिर न जाएं।
*यदि 6, 8, 12 भाव में शत्रु ग्रह हो तथा भाव 2 खाली हो तो भी मंदिर न जाएं।
सावधानी : ब्याज लेना, पराई स्त्री से संबंध और शराब पीने से बर्बादी, काका, मामा, सेवक और नौकर से संबंध खराब है तो नुकसान होगा।