नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कंपनी विप्रो के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) थिएरी डेलपोर्टे को 44.5 लाख यूरो (लगभग 37.9 करोड़ रुपए) का वार्षिक वेतन पैकेज मिलेगा। इसके अलावा उन्हें कंपनी के शेयर व अन्य लाभ भी प्राप्त होंगे। कंपनी द्वारा नियामकों को सौंपे गए एक दस्तावेज में इसकी जानकारी मिली।
विप्रो ने 74वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के लिए एक नोटिस में कहा कि वह डेलपोर्टे को सीईओ एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी लेगी। एजीएम 13 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित होगी।
डेलपोर्टे कंपनी में आबिदअली नीमचवाला से पदभार संभालेंगे। उन्हें 6 जुलाई 2020 से 5 साल के लिए 5 जुलाई 2025 तक के लिए नियुक्त किया जा रहा है। नोटिस में कहा गया है कि उनके पारिश्रमिक में 10.7 से 14 लाख यूरो प्रतिवर्ष की दर से मूल वेतन और 17 से 25 लाख यूरो प्रतिवर्ष की दर से परिवर्तनीय वेतन का भुगतान शामिल होगा।
उन्हें फ्रांस और भारत के बाहर कार्य के लिए 4,28,000 से 5,50,000 यूरो की सीमा में प्रवासी भत्ता भी मिलेगा। इसके अलावा उन्हें 30 लाख डॉलर का एक बार का नकद भुगतान भी प्राप्त होगा। यह नकद भुगतान उन्हें 2 किस्तों में मिलेगा। पहली किस्त में 15 लाख डॉलर का भुगतान 31 जुलाई 2020 को और दूसरी किस्त का भुगतान 31 जुलाई 2021 को किया जाएगा।
डेलपोर्टे को सालाना शेयर अनुदान और एक बार के शेयर अनुदान के रूप में कंपनी के पाबंदियों वाले शेयर भी मिलेंगे। डेलपोर्टे इससे पहले कैपजेमिनी के कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं।
विप्रो की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके निवर्तमान सीईओ अबिदअली नीमचवाला को वित्त वर्ष 2019-20 में 32.2 करोड़ रुपए का पारिश्रामिक मिला। इसमें वेतन में लगभग 7.6 करोड़ रुपए, कमीशन, इंसेंटिव, वैरिएबल पे के लगभग 9.1 करोड़ रुपए, अन्य वार्षिक भुगतान के लगभग 15.4 करोड़ रुपए और सेवानिवृत्ति के 3.39 लाख रुपए शामिल थे।
नीमचवाला ने इस साल जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। एजीएम में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में दीपक एम. सातवालेकर की नियुक्ति के विशेष प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा। (भाषा)