नई दिल्ली। नए साल में भी आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ने वाली है। सरकार ने कपड़ों, जूतों पर GST की दरों को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
एक जनवरी से 1000 रुपए से कम दाम वाले कपड़ों पर जीएसटी (GST) की दर 5 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगी। इसी तरह 1000 रुपए से कम के जूतों पर भी 12 फीसद जीएसटी लगेगा। 1 हजार से महंगे जूतों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इससे आम लोगों को इन अत्यावश्यक वस्तुओं के ज्यादा दाम चुकाने होंगे।
एक जनवरी से बुने हुए कपड़ों समेत हैण्डलूम के सारे प्रोडक्ट भी महंगे हो जाएंगे। इन पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले यह दर 5 प्रतिशत थी। इस तरह रेडिमेड कपड़ों के साथ ही अब कपड़े सिलाना भी महंगा हो जाएगा।
भारी विरोध : देश भर के कपड़ा व्यापारी कपड़ों पर जीएसटी की दर बढ़ाने का व्यापारी जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री पहले से रॉ मटीरियल्स की शॉर्टेज और हाई कॉस्ट से जूझ रही है। ऐसे में जीएसटी की दर बढ़ाने का फैसला सही नहीं है। इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अक्षय जैन का कहना है कि रोटी, कपड़ा और मकान आम आदमी के जीवन में अहम होता है। कपड़ों पर जीएसटी की दर बढ़ाने से महंगाई चरम पर पहुंचेगी।
फुटविअर इंडस्ट्री के जुड़े लोग भी दबी जुबान से सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। सितंबर में जबसे सरकार ने नए साल जीएसटी की दर बढ़ाने का फैसला किया है, इनके दाम काफी बढ़ गए हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 उपभोक्ताओं के लिहाज से खराब रहा है। खाद्य तेल, ईंधन और कई अन्य जिंसों की बढ़ती कीमतों की वजह से इस वर्ष उपभोक्ताओं की जेब पर बहुत भार पड़ा। सब्जी-फल, दाल एवं अन्य वस्तुओं की कीमतें कच्चा माल महंगा होने के कारण बढ़ गईं। बढ़ती कीमतों के अलावा लोगों को आय, रोजगार में कमी और कारोबार में नुकसान का सामना करना पड़ा।