नई दिल्ली। रूस-युक्रेन युद्ध की वजह से भारत के शेयर बाजार, सराफा और कमोडिटी बाजार में मानों महा बम फूट गया है। सोना-चांदी के भावों में जहां भारी तेजी दिखाई दी, वहीं शेयर बाजार भी जमीन पर आ गए।
वित्त विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि रूस और युक्रेन के बीच तनाव 2 हफ्तों तक चल सकता है। शेयर बाजार, सराफा, कमोडिटी और रुपए पर इसका विपरित प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नेचरल गैस के साथ ही निकल के दाम भी तेजी से बढ़ेंगे।
शेयर बाजार : रूस और यूक्रेन की जंग के पहली ही दिन शेयर बाजार में तबाही की स्थिति दिखाई दी। सेंसेक्स 2775 अंक गिर गया जबकि निफ्टी में भी 836 अंकों की गिरावट देखी गई। हालांकि बाद में सेंसेक्स 2702 अंक की गिरावट के साथ 54,529 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी भी 815 अंकों की गिरावट लेकर 16248 अंक पर बंद हुआ।
बागौरा ने बताया कि सेंसेक्स को 53,000 से 53,500 का सपोर्ट है। अगर यह ब्रेक हुआ तो 49000 तक पहुंच सकता है। वहीं निफ्टी 16000 से 16200 का सपोर्ट है। अगर यह टूटा तो निफ्टी 15500 से 15800 की रेंज में पहुंच जाएगा।
सोने-चांदी का हाल : रूस के कीव पर मिसाइल हमले के तुरंत बाद ही सोने और चांदी की कीमतों में भारी उछाल दिखाई दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी के दाम 2 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए। सोना अभी 1,935 डॉलर प्रति औंस के भाव पर है, तो चांदी 25 डॉलर प्रति औंस बिक रही है। इंडियन बुलियन मार्केट में भी सोना 51 हजार के पार हो गया तो चांदी 69 हजार के रुपए किलो पर पहुंच गई। यूक्रेन संकट की वजह से सोना 54 हजार से 56 हजार तक पहुंचने की संभावना है हालांकि चांदी के दाम ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं है।
डॉलर के मुकाबले रुपया 60 पैसे टूटा : अंतरराष्ट्रीय बाजार में संकट बढ़ने पर डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा भी लुढ़क गई। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सुबह 11.05 बजे डॉलर के मुकाबले रुपया 0.59 फीसदी गिरकर 75.23 के भाव पर पहुंच गया। 23 फरवरी को यह 74.63 रुपए के भाव पर बंद हुआ था। यानी रुपए में करीब 60 पैसे की गिरावट आ चुकी है। आने वाले दिनों में रुपए में और गिरावट आएगी। यह 76.50 से 78 की रेंज में पहुंच सकता है।
8 साल क्रूड 100 के पार : सबसे ज्यादा संकट कच्चे तेल पर दिख रहा है। रूस की मिसाइलों ने क्रूड की कीमतों में आग लगा दी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव 8 साल बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए। युद्ध काल में क्रूड के दाम बढ़कर 110 से 112 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं।