नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को सभी श्रेणी की भविष्य निधियों विशेषकर निजी पीएफ न्यासों के लिए एकमात्र नियामक की भूमिका निभानी चाहिए।
समिति ने कहा, वित्त एवं श्रम मंत्रालयों ने बताया है कि विभिन्न सरकारी विभागों में इस बात की सहमति बन चुकी है कि ईपीएफओ को सभी भविष्य निधियों के लिए एकमात्र नियामक की भूमिका निभानी चाहिए। इनमें वे सभी भविष्य निधियां शामिल हैं जिन्हें संगठनों एवं प्रतिष्ठानों की अन्य श्रेणियों के तहत छूट प्राप्त है।
समिति ने कहा कि वह सभी पीएफ न्यासों के लिए मजबूत नियामकीय व्यवस्था पर सहमत है।