Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बड़ी खबर, Gold एक लाख के करीब, आखिर क्यों तेजी से बढ़ रहे हैं सोने के दाम?

सुरक्षित निवेश के चलते सोने के दामों में लगातार आ रही है तेजी, डॉलर की गिरावट का भी सोने पर असर

Advertiesment
हमें फॉलो करें Gold price nears Rs 1 lakh

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , सोमवार, 21 अप्रैल 2025 (12:30 IST)
Gold price nears Rs 1 lakh: वैश्विक बाजार में बढ़ती मांग के कारण सोमवार को सोने (Gold) की वायदा कीमतों में 1 हजार 493 रुपए की भारी उछाल देखी गई और यह 96 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जून डिलीवरी के लिए सोने के अनुबंधों ने लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में शानदार प्रदर्शन जारी रखा और इसने शुरुआती कारोबार में 1,493 रुपये यानी 1.57 प्रतिशत चढ़कर 96,747 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर को छू लिया।
 
बाद में, यह रिकॉर्ड तेजी से पीछे हटकर 1,346 रुपए यानी 1.41 प्रतिशत की तेजी के साथ 96,600 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जिसमें 21,540 लॉट के लिए कारोबार हुआ। इसी तरह, अगस्त डिलीवरी के लिए अनुवर्ती अनुबंध 1,464 रुपए यानी 1.53 प्रतिशत की तेजी के साथ एमसीएक्स पर 97,360 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे’ के कारण जिंस बाजार बंद रहे थे।
 
क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम : विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार तनाव ने वैश्विक अनिश्चितता को बढ़ा दिया है, जिससे निवेशकों को सुरक्षित-संपत्तियों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच कोई समाधान नहीं निकलता, तब तक सोने में तेजी जारी रहने की संभावना है।
 
सोना सबसे सुरक्षित निवेश : वैश्विक बाजारों में, सोने का वायदा भाव 3400.86 डॉलर प्रति औंस के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के जिंस के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने तथा वैश्विक व्यापार चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश के रूप में खरीदारी के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई और यह नया रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पिछले बृहस्पतिवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के खिलाफ लगातार हमले शुरू करने के बाद अमेरिकी डॉलर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। उनके कर्मचारी पॉवेल को बदलने पर विचार कर रहे हैं, जिस कदम से केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता और वैश्विक बाजारों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस भारत की 4 दिवसीय यात्रा पर, हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत, अनेक मुद्दों पर होगी बातचीत