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gold rate : क्या ऐसे ही बढ़ते रहेंगे सोने के दाम, कीमत कब तक 1 लाख तक पहुंचने के आसार, आखिर क्यों आ रही है तेजी

कुल मिलाकर सोने और चांदी की कीमतों में दिख रही मजबूती के पीछे ग्लोबल लेवल पर जारी उथल-पुथल से जुड़ी चिंताओं और व्यापार से जुड़े टेंशन का असर है।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025 (20:21 IST)
gold rate : वैश्विक बाजार में मजबूत रुख के बीच सोने के भावों में तेजी बरकरार रही। राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने का भाव 140 रुपए बढ़कर 88,100 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया। बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोना का भाव 87,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव गुरुवार को 140 रुपए बढ़कर 87,700 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि पहले इसका भाव 87,560 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 
गुरुवार को इसमें तेजी दर्ज की गई, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा शीघ्र ही लागू किए जाने वाले टैरिफ की कई विघटनकारी घोषणाओं के कारण निवेश की मांग बरकरार है। इस बीच सवाल उठने लगा है कि क्या सोने का भाव 1 लाख रुपए तक पहुंच जाएगा।इंदौर में सोने के भाव की बात की जाए तो सोना 87900 रुपए प्रति 10 ग्राम रुपए रहा है। चांदी 96100 रुपये प्रति किलोग्राम और चांदी सिक्का 1100 रुपये प्रति नग रहा। 
 
आर्थिक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की नीतियों पर नजर : कुल मिलाकर सोने और चांदी की कीमतों में दिख रही मजबूती के पीछे ग्लोबल लेवल पर जारी उथल-पुथल से जुड़ी चिंताओं और व्यापार से जुड़े टेंशन का असर है। निवेशक अब आने वाले आर्थिक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की नीतियों पर नजर बनाए हुए हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता बनी रहती है तो सोने और चांदी की कीमतों में आगे भी तेजी देखने को मिल सकती है।
 
ट्रेड वॉर में सुरक्षित निवेश का ऑप्शन : जियोपॉलिटिकल टेंशन के कारण भी निवेशकों के बीच सोने की मांग बढ़ रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने नए टैरिफ प्लान की वजह से ट्रेड वार जैसी स्थिति पैदा हो गई है और निवेशकों को सोने जैसा सुरक्षित निवेश नजर नहीं आ रहा है। इतना ही नहीं, सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रुपए के अभी और गिरने के आसार हैं, जिस कारण गोल्‍ड एक बेहतर ऑप्शन बन गया है। 
 
रुपए में आया सुधार : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को तीन पैसे की बढ़त के साथ 86.92 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर लगभग स्थिर बंद हुआ। डॉलर के कमजोर रहने और विदेशों में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से मिले समर्थन को घरेलू शेयर बाजारों में सुस्ती के रुख ने बेअसर कर दिया।
 
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, विदेशी फंडों के निरंतर धन निकासी ने रुपये पर दबाव डाला और इसकी बढ़त को रोक दिया। हालांकि, अमेरिकी आंकड़ों में उम्मीद से अधिक मुद्रास्फीति दिखाए जाने के बाद फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम होने से डॉलर कमजोर हुआ।
 
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.82 पर मजबूत खुला और दिन के कारोबार के दौरान 86.77 के उच्च स्तर को छू गया। हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपया 86.92 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद होने से पहले दिन के निचले स्तर 86.94 को छू गया, जो पिछले बंद से तीन पैसे अधिक था। बुधवार को रुपया, डॉलर के मुकाबले 16 पैसे गिरकर 86.95 पर बंद हुआ था।
 
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक और एफआईआई की बिकवाली के दबाव के बीच बृहस्पतिवार को रुपया सपाट से लेकर सकारात्मक तक रहा। उन्होंने कहा कि घरेलू इक्विटी में समग्र कमजोरी और अमेरिकी डॉलर में अंतर्निहित मजबूती के बीच रुपये के नकारात्मक रुझान के साथ कारोबार करने की उम्मीद है।
 
चौधरी ने कहा कि एफआईआई की बिकवाली से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, रिजर्व बैंक द्वारा आगे कोई हस्तक्षेप रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है। व्यापारी अमेरिका से पीपीआई डेटा से संकेत ले सकते हैं। उन्होंने डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 86.60 से 87.30 रुपये के बीच रहने का अनुमान लगाया। इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.33 प्रतिशत गिरकर 107.47 पर कारोबार कर रहा था।
 
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.17 प्रतिशत गिरकर 74.30 डॉलर प्रति बैरल रह गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को शुद्ध आधार पर 4,969.30 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma

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