नई दिल्ली। टाटा संस द्वारा 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया पर टाटा संस का अधिकार होगा। टाटा संस ने यह बोली जीत ली है। मीडिया में आई इन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया।
सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग, भारत सरकार ने कहा, एयर इंडिया विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के अनुमोदन का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं। सरकार जब भी इस मामले में निर्णय लेगी, मीडिया को सूचित किया जाएगा।
2020 में सरकार ने एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी। कंपनी पर कुल संचित कर 60,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ जाने से इसकी हालत पतली हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था।
केंद्र सरकार सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है, जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है।
जनवरी, 2020 से शुरू हुई विनिवेश की प्रक्रिया में कोरोनावायरस के कारण देरी हुई है। सरकार ने अप्रैल, 2021 में संभावित बोलीदाताओं को वित्तीय बोली सौंपने के लिए कहा था।