नई दिल्ली। ग्राहकों को सीधे सामान की बिक्री करने वाला डायरेक्ट सेलिंग उद्योग वित्त वर्ष 2020-21 में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 18,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री संघ (आईडीएसए) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2020-21 में उद्योग की बिक्री लगभग 18,067 करोड़ रुपए थी, जो वित्त वर्ष 2019-20 के 16,776 करोड़ रुपए से 1,291 करोड़ रुपए अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 महामारी और व्यापक लॉकडाउन से प्रभावित साल में भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग वृद्धि की रफ्तार को बनाए रखने में कामयाब रहा है। ऐसा लगातार नवाचार, नई तकनीक को अपनाने और ग्राहकों के अनुकूल समायोजन के चलते हो सका। वार्षिक सर्वेक्षण 2020-21 से पता चला है कि प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में रोजगार भी बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में सक्रिय प्रत्यक्ष विक्रेताओं की कुल संख्या इससे पिछले साल के मुकाबले 6.32 प्रतिशत बढ़कर 79 लाख हो गई।
आईडीएसए ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रत्यक्ष बिक्री पर वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को जारी किया। इस मौके पर चौबे ने कहा कि लगभग 80 लाख भारतीयों को आजीविका का अवसर और कौशल मुहैया कराके डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने खुद को भारत के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में स्थापित कर लिया है।