Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

देश में हर साल तेजी से बढ़ रही प्रति व्यक्ति आय, 2014-15 के बाद हुई दोगुनी!

हमें फॉलो करें Money
, रविवार, 5 मार्च 2023 (20:16 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार के 2014-15 में सत्ता में आने के बाद से वर्तमान मूल्य पर देश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी होकर 1,72,000 रुपए पर पहुंच गई है। हालांकि आय का असमान वितरण एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
 
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) के मुताबिक मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति वार्षिक आय (शुद्ध राष्ट्रीय आय) वित्त वर्ष 2022-23 में 1,72,000 रुपए रहने का अनुमान है जो वर्ष 2014-15 के 86,647 रुपए से करीब 99 फीसदी अधिक है।
 
वहीं, वास्तविक मूल्य (स्थिर दाम) पर देश की प्रति व्यक्ति आय इस दौरान करीब 35 फीसदी बढ़ी है। वर्ष 2014-15 में यह 72,805 रुपए थी जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 98,118 रुपए रहने का अनुमान है।
 
जानी-मानी अर्थशास्त्री जयती घोष ने मौजूदा मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय दोगुना होने के बारे में कहा कि देश की जीडीपी को मौजूदा मूल्यों पर देखा जा रहा है, लेकिन यदि इस दौरान की मुद्रास्फीति पर भी गौर करेंगे तो पाएंगे कि यह वृद्धि बहुत कम है।
 
इसके साथ ही उन्होंने आय के वितरण को अहम बताते हुए कहा कि ज्यादातर वृद्धि आबादी के शीर्ष दस फीसदी लोगों के खाते में गई है। इसके विपरीत औसत वेतन घट रहा है और वास्तविक संदर्भ में तो संभवत: यह और भी कम हो गया है।
 
एनएसओ के मुताबिक कोविड काल के दौरान प्रति व्यक्ति आय वास्तविक और मौजूदा दोनों ही मूल्यों के लिहाज से गिरी थी। हालांकि वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान इसमें वृद्धि देखी गई।
 
आर्थिक शोध संस्थान एनआईपीएफपी के पूर्व निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती ने विश्व विकास संकेतकों का हवाला देते हुए कहा कि 2014 से 2019 के दौरान वास्तविक मूल्यों पर भारत की प्रति व्यक्ति आय 5.6 फीसदी प्रति वर्ष बढ़ी है।
 
उन्होंने कहा कि यह वृद्धि उल्लेखनीय है। हमें स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक तथा सामाजिक गतिशीलता से संबंधित परिणामों में सुधार देखने को मिला है। हम पुनर्वितरण की उपयुक्त नीतियों के साथ यदि प्रति व्यक्ति आय में सालाना 5 से 6 प्रतिशत की दर को कायम रख पाते हैं तो यह रफ्तार बनी रहेगी। देश में इस वृद्धि में असमानता पर भी हमें ध्यान देना होगा। संतुलित क्षेत्रीय विकास उच्च वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने में प्रेरक हो सकता है।
 
इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में निदेशक नागेश कुमार ने कहा कि वास्तविक मूल्यों पर देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है और यह बढ़ती समृद्धि के रूप में नजर भी आता है। 
 
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस ओर भी ध्यान देना जरूरी है कि प्रति व्यक्ति आय भारतीयों की औसत आय है। 
 
औसत आय अक्सर बढ़ती असमानताओं को छिपाती है। ऊपरी स्तर पर आय का संकेंद्रण होने का मतलब है कि आय के निचले स्तर पर मौजूद लोगों के लिए बड़ा बदलाव नहीं आया है। भाषा Edited By : Sudhir Sharma

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

WPL 2023 : दिल्ली कैपिटल्स ने RCB को 60 रनों से हराया, पहले ही मैच में हारी स्मृति मंधाना की टीम