नई दिल्ली। सरकार ने 2021-22 की मार्च तिमाही के साथ-साथ पूरे वित्त वर्ष के लिए ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी (GDP) के आंकड़े मंगलवार को जारी किए।
आंकड़ों के मुताबिक इस साल मार्च तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 4.1% दर्ज की गई है। पिछले वर्ष मार्च तिमाही में विकास दर 2.5% रही थी। हालांकि तीसरी तिमाही में यह दर 5.4 फीसदी थी। ऐसे में तिमाही आधार पर इसमें गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं वित्त वर्ष 22 में GDP ग्रोथ 8.7% रही है। कोरोना महामारी से प्रभावित 2020-21 में यह -6.6% रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल, मई और जून) में GDP ग्रोथ 20.1% रही थी। दूसरी तिमाही (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में GDP ग्रोथ रेट 8.4% और तीसरी तिमाही (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में ये 5.4% की रफ्तार से बढ़ी थी।
राजकोषीय घाटा : देश का राजकोषीय घाटा बजट अनुमानों से कम रहा है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार वित्त मंत्रालय द्वारा संशोधित बजट अनुमानों में राजकोषीय घोटे के लिए 6.9 प्रतिशत का अनुमान व्यक्त किया था जबकि 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.71 प्रतिशत है। सरकार की ओर से मंगलवार को यह आंकड़ा जारी किया गया है।
हर तीन माह में होती है गणना : भारत देश में जीडीपी की गणना 3 माह में की जाती है। आमतौर पर जीडीपी की गणना एक साल के अंतराल में की जाती है। यदि जीडीपी बढ़ती है तो इसका मतलब है देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था सही है और यदि जीडीपी कम हो रही है तो इसका मतलब है देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था कमजोर है।