नई दिल्ली। सरकार ने रविवार को एलआईसी के आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास मसौदा दस्तावेज दाखिल किया। आईपीओ के मार्च में पूंजी बाजार में आने की उम्मीद है। इस आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश कर रही है।
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने ट्वीट किया, "एलआईसी के आईपीओ के लिए डीआरएचपी आज सेबी के पास दाखिल कर दी गई है। इसके तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी, जो 5 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है।
मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 तक एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपए आंका है। आईपीओ भारत सरकार द्वारा पूरी तरह बिक्री पेशकश (ओएफएस) के रूप में है।
पांडेय ने कहा कि 31 मार्च, 2021 तक एलआईसी के पास 28.3 करोड़ पॉलिसियों और 13.5 लाख एजेंटों के साथ नए प्रीमियम व्यापार में 66 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी।
हालांकि सरकार ने डीआरएचपी में एलआईसी के बाजार मूल्यांकन या सार्वजनिक पेशकश में पॉलिसीधारकों या एलआईसी कर्मचारियों को दी जाने वाली छूट का खुलासा नहीं किया।
आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। साथ ही एलआईसी के आईपीओ निर्गम का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा।
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश लक्ष्य में 78,000 करोड़ रुपए की कमी रहने के अनुमान के बीच सरकार के लिए एलआईसी का आईपीओ महत्वपूर्ण है।
सरकार अब तक एयर इंडिया के निजीकरण और अन्य सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपए जुटा चुकी है। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।