नई दिल्ली। महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने एक बड़ा फैसला करते हुए लोन वसूली और वाहनों को फिर से कब्जे में लेने के लिए उसने तीसरे पक्ष के एजेंटों की सेवा लेना बंद कर दिया है। कंपनी ने यह कदम रिजर्व बैंक के उस निर्देश के बाद उठाया है जिसमें कर्ज चूक के मामलों में वाहन को कब्जे में लेने के लिए उसके द्वारा तीसरे पक्ष की सेवा लेने पर रोक लगा दी गई थी।
महिंद्रा फाइनेंस के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रमेश अय्यर ने कहा, 'हाल में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर वाहनों को वापस अपने कब्जे में लेने के काम के लिए हमने तीसरे पक्ष की सेवा लेना बंद कर दिया है। तीसरे पक्ष के एजेंटों का भविष्य में किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है इस पर अभी और विचार करेंगे।'
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमएमएफएसएल) को तीसरे पक्ष के एजेंटों के जरिए ऋण वसूली या संपत्ति वापस कब्जे में लेने से रोक दिया गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसका यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है और अगले आदेश तक जारी रहेगा।
आरबीआई का यह फैसला झारखंड के हजारीबाग जिले में एक गर्भवती महिला (27) की मौत के बाद आया है, जिसे पिछले हफ्ते वसूली एजेंटों ने ट्रैक्टर के पहियों के नीचे कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था।