नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरावट कंपनियों की वित्तीय साख की दृष्टि से प्रतिकूल है, जो कर्ज तो डॉलर में लेती है, पर जिनकी कमाई रुपए में है। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने सोमवार को यह बात कही। वर्ष 2018 में रुपया 13 प्रतिशत टूटकर 72.50 प्रति डॉलर से भी नीचे चला गया है।
मूडीज ने कहा कि वह जिन कंपनियों की वित्तीय साख का निर्धारण करती है उनमें से अधिकतर विदेशी विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के जोखिम से अच्छी तरह संरक्षित है। इनमें से कुछ की कमाई डॉलर में है तो कुछ ने इससे बचने के लिए भविष्य के वायदा और विकल्प के सौदों की ओट ले रखी है।
मूडीज भारत में उच्च निवेश श्रेणी की 24 कंपनियों की रेटिंग करती है। इनमें से 12 अपना ज्यादातर राजस्व डॉलर में अर्जित करती हैं। इन 24 कंपनियों में आईटी, तेल एवं गैस, रसायन, वाहन, जिंस, इस्पात और रीयल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। मूडीज ने कहा है कि रुपए में लगातार गिरावट का विशेषरूप से उन कंपनियों की वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी जिनका ऋणभार डॉलर ऋण में है, पर कमाई रुपए में है। (भाषा)