नई दिल्ली। केंद्र ने प्याज के बढ़ते दाम पर काबू पाने तथा घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए गुरुवार को अतिरिक्त 12,660 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है। यह प्याज 27 दिसंबर से देश में आने लगेगा। अब तक करीब 30,000 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया जा चुका है।
प्याज का भाव लगातार दूसरे सप्ताह 100 रुपए किलो से ऊपर बना हुआ है। सरकार ने दाम को काबू में रखने के लिए कई कदम उठाये हैं लेकिन मूल्य ऊंचे बने हुए हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने सार्वजनिक क्षेत्र की व्यापार कंपनी एमएमटीसी को 15,000 टन अतिरिक्त प्याज के लिए ताजा निविदा जारी करने का निर्देश दिया है। इसके तहत 5,000-5,000 टन की तीन निविदाएं होंगी।
पिछले महीने केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था कि खरीफ और देर से बुवाई वाले खरीफ मौसम की उपज में 26 प्रतिशत की गिरावट के कारण प्याज महंगा हुआ है। इसके अलावा प्रमुख उत्पादक राज्यों में अत्यधिक बारिश से भी उत्पादन पर असर पड़ा।
मंत्री ने यह बार-बार कहा है कि सरकार बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इसमें निर्यात पर पाबंदी और 1.2 लाख टन के आयात की अनुमति शामिल हैं। केंद्र सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए प्याज की भंडारण सीमा भी कम की है।