नई दिल्ली। नीति आयोग एलपीजी सब्सिडी की जगह रसोई गैस सब्सिडी लाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। इसका मकसद खाना पकाने के लिए पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाली प्राकृतिक गैस तथा जैव-ईंधन का उपयोग करने वालों को भी इसका लाभ उपलब्ध कराना है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि सब्सिडी उन सभी ईंधन को मिलनी चाहिए जिसका उपयोग खाने पकाने में किया जा रहा है। फिलहाल सरकार तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) का उपयोग करने वालों को सब्सिडी देती है।
कुमार ने कहा कि नीति आयोग एलपीजी सब्सिडी की जगह रसोई गैस सब्सिडी लाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। एलपीजी विशिष्ट उत्पाद है। उन सभी उत्पादों / ईंधन के लिये सब्सिडी होनी चाहिए जिसका उपयोग खाना पकाने में किया जाता है।
उन्होंने कहा कि क्योंकि अगर कुछ शहर हैं, जहां पीएनजी (पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाली प्राकृतिक गैस) का उपयोग होता है तब उन्हें भी सब्सिडी मिलनी चाहिए। गौरतलब है कि कुछ तबकों में यह आशंका जताई जा रही है कि केवल एलपीजी पर सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में जैव ईंधन तथा शहरी क्षेत्रों में पीएनजी जैसे स्वच्छ एवं सस्ते ईंधन के उपयोग के रास्ते में बाधा है। रसोई गैस सब्सिडी से संबंधित बदलाव राष्ट्रीय ऊर्जा नीति 2030 के मसौदे में शामिल किया जा सकता है। मसौदा को पिछले साल जारी किया गया।