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आखिर निजीकरण पर क्यों जोर दे रहे हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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, बुधवार, 24 फ़रवरी 2021 (19:10 IST)
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक वेबिनार में कहा कि इनसे सरकार को नुकसान हो रहा है और करदाताओं का पैसा भी बर्बाद हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के पैसों का सही इस्तेमाल करने के लिए निजीकरण किया जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब सार्वजनिक उपक्रमों की शुरुआत की गई थी, तब उनकी जरूरत थी, लेकिन वर्तमान समय की जरूरत निजीकरण है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं है, सरकार का ध्यान जन कल्याण पर होना चाहिए। लोगों के पैसों का सही इस्तेमाल करने के लिए निजीकरण किया जा रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार के पास कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिनका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हुआ है या फिर ये बेकार पड़ी हुई हैं। मोदी ने कहा कि 100 परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। निजीकरण, संपत्ति के मौद्रीकरण से जो पैसा आएगा उसे जनता पर खर्च किया जाएगा। यही कारण है कि सरकार मौद्रीकरण, आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है, निजी क्षेत्र से दक्षता आती है और रोजगार मिलता है।
 
मोदी ने कहा कि सरकार चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को लेकर प्रतिबद्ध है। रणनीतिक महत्व वाले चार क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कम से कम स्तर पर रखा जाएगा। 

पीएम ने कहा कि हम 111 लाख करोड़ रुपए की नई राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पाइपलाइन (सूची) पर काम कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भारत अब एक बाजार, एक कर प्रणाली वाला देश है, कर प्रणाली को सरल बनाया गया है, अनुपालन जटिलताओं में सुधार लाया गया है।

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