मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज स्पष्ट किया कि लोग वर्ष 2005 से पहले जारी 500 रुपए और एक हजार रुपए के नोट भी अपने बैंक खातों में जमा करा सकते हैं। साथ ही बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे इन नोटों को स्वीकार करें, लेकिन पुन: जारी न करें।
वर्ष 2005 से पहले जारी नोटों को पहले ही प्रचलन से बंद कर दिया गया था तथा इन्हें अब सिर्फ बैंक खातों में जमा कराया या रिजर्व बैंक के चुनिंदा क्षेत्रीय कार्यालयों में बदला जा सकता है।
केंद्रीय बैंक ने सोमवार स्पष्ट किया कि नोटबंदी के मद्देनजर 8 नवंबर को सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन में परिभाषित प्रतिबंधित नोटों में वर्ष 2005 से पहले जारी 500 रुपए तथा एक हजार रुपए के नोट भी आते हैं और इसलिए बैंकों को पुराने प्रतिबंधित नोटों की श्रेणी में इन्हें भी स्वीकार करना होगा।
उसने कहा है कि उसे लोगों से शिकायत मिल रही थी कि बैंक महात्मा गांधी सीरीज, 2005 से पहले जारी 500 रुपए और एक हजार रुपए के नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इसके बाद उसे यह स्पष्टीकरण देना पड़ा है।
आरबीआई ने कहा कि उसके 30 जून को जारी निर्देश के अनुसार, इन नोटों को अब सिर्फ उसके चुनिंदा क्षेत्रीय कार्यालयों में ही बदला जा सकता है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि इन नोटों को लोग वाणिज्यिक बैंकों में अपने खातों में जमा नहीं करा सकेंगे। (वार्ता)