Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अर्थशास्त्री से जानिए भारत की GDP में वृद्धि की हकीकत

Advertiesment
हमें फॉलो करें अर्थशास्त्री से जानिए भारत की GDP में वृद्धि की हकीकत
, बुधवार, 1 सितम्बर 2021 (19:50 IST)
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट रिकॉर्ड 20.1 फीसदी रही है, जबकि पिछले साल पहली तिमाही में यह निगेटिव 23.9 थी। दरअसल, जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे सटीक पैमाना है। दरअसल, जिसे ग्रोथ माना जा रहा है, वह रिकवरी है। अर्थशास्त्री एवं नीति आयोग की पूर्व कंसल्टेंट नेहा गुप्ता बता रही हैं जीडीपी की हकीकत। 
 
जीडीपी ग्रोथ (GDP growth) एक अरिथमेटिक केल्कुलेटेड नंबर है। यानी एक फॉर्मूला, जो पिछले वर्ष के डाटा को इस वर्ष के डाटा से कम्पेयर करता है। चूंकि पिछले वर्ष के डाटा में ह्यूज रिडक्शन था, जिसका कारण कोरोना (Coronavirus) महामारी के दौरान लगाया गया इकोनॉमिक लॉकडाउन था।
 
अत: फर्स्ट स्टेंस में यह नंबर बेस इफेक्ट है यानी चूंकि पिछले वर्ष की गिरावट के नंबर से तुलना है तो ग्रोथ (growth) के नंबर डबल डिजिट और अच्‍छे प्रतीत हो रहे हैं।
 
दरअसल, यह ग्रोथ नहीं है, रिकवरी है और रिकवरी का फेज अभी बाकी है। चूंकि हम 2019 के लेवल को रीच नहीं कर पाए हैं यानी रिकवरी पूर्णत: नहीं हुई है, जारी है। अब अगर हम रिकवरी के कारण खोजें तो पाते हैं कि इकॉनॉमी के दो मुख्य इंजेक्शंस और पुश फैक्टर्स हैं।
webdunia
पहला - प्राइवेट कंजम्प्शन या कंज्यूमर डिमांड और दूसरा- कैपिटल फॉर्मेशन यानी इन्वेस्टमेंट्स। इसी पीरियड में (B/W 2020-21) 19% और 55% से बढ़े हैं। और, यह दोनों ही फैक्टर्स इकॉनॉमी में मल्टीप्लायर की तरह कार्य करते हैं, तो इनमें आए हुए बदलाव देश की जीडीपी (GDP) को मल्टीप्लायर वे में इन्क्रीज करते हैं।
 
पर जैसा कि हम देख रहे पा रहे हैं, इन्वेस्टमेंट्स के 55% बढ़ने के बावजूद भी जीडीपी (GDP) 20% से ही ग्रोथ कर पाई है यानी अभी मल्टीप्लायर इफेक्ट हमें और अच्‍छे नंबर में देखने को मिलेंगे।
 
वैसे तो मैन्युफैक्चरिंग भी लगभग 50% से इन्क्रीज हुआ है, लेकिन अपने पिछले 2019 के एंड से अभी भी कम है। इसलिए अभी हमें अपनी रिकवरी (recovery) पर पूर्णत: ध्यान केंद्रित करना होगा, साथ ही साथ नेट एक्सपोर्ट या यूं कहें कि हमारा विदेशों के साथ बैलेंस निगेटिव है। यानी हमें एक्सपोर्ट प्रोमोशन पर अतिरिक्त ध्यान देना होगा। जिससे हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर हो सकें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Afghanistan Crisis : तालिबान सरकार में महिलाएं भी होंगी, 3 दिन में होगा 'पवित्र और शिक्षित' लोगों की सरकार का ऐलान