सब्जियों, दाल दलहन और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के बावजूद इस वर्ष मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई में मामूली राहत देखी गई क्योंकि मई 2024 में यह महंगाई घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई जबकि अप्रैल 2024 में यह 4.83 प्रतिशत रही थी। मई और जून में लोकसभा चुनाव था। यह भी एक वजह बताया जा रहा है। अनाज की कीमतें स्थिर रहीं। मसालों की कीमतों में नरमी देखी गई। फलों की कीमतों में भी कमी आई।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा आ जारी आंकड़ों के मुताबिक अनुसार मई 2023 में यह महंगाई 4.31 प्रतिशत रही थी। खुदरा महंगाई अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लक्षित दायरे के बीच है। रिजर्व इसको चार से छह प्रतिशत के बीच रखना चाह रहा है और इसी को ध्यान में रखते हुये नीतिगत दरें तय की जा रही है।
इनके दामों में रही थी तेजी : आंकड़ों के अनुसार मई 2024 में सब्जियों, दलहन के साथ ही मांस, अंड़े और विनिर्मित उत्पादों जैसे शीतलपेय, तंबाकू, पान आदि जैसे पदार्थों की कीमतों में मामूली तेजी रही जबकि अनाज की कीमतें स्थिर रहीं। मसालों की कीमतों में नरमी देखी गई। फलों की कीमतों में भी कमी आई।
आंकड़ों के अनुसार इस दौरान शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई 4.15 प्रतिशत रही जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 5.28 प्रतिशत रही। मई 2024 में खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई 8.69 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल 2024 में यह 8.70 प्रतिशत रही तथा मई 2023 में यह 2.96 प्रतिशत रही थी। खाद्य पदार्थों की महंगाई ग्रामीण क्षेत्रों के 8.62 प्रतिशत की तुलना में शहरी क्षेत्रों में 8.83 प्रतिशत रही।
रिजर्व रेपो रेट में नहीं हुआ था बदलाव : भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 8वीं बार नीतिगत रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था। इस महीने की शुरुआत में ही आरबीआई एमपीसी की बैठक हुई थी। इसका मतलब है कि लोगों की होम लोन की ईएमआई में बढ़ोतरी नहीं होगी। इस फैसले से बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिली है। आज अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व प्रमुख ब्याज दर पर अपना फैसला देगा। इस पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। इनपुट एजेंसियां