नई दिल्ली। खुदरा मुद्रास्फीति की रफ्तार अप्रैल में कुछ धीमी पड़कर 4.29 प्रतिशत रही है। इससे पहले मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 5.52 प्रतिशत रही थी। रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक अप्रैल में खाद्य क्षेत्र में खुदरा मुद्रास्फीति मार्च के 4.87 प्रतिशत से घटकर 2.02 प्रतिशत रही।
आईसीआरए की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के
दौरान आपूर्ति बाधाओं के चलते सूचकांक का आधार ऊंचा रहा, उसे देखते हुए अप्रैल 2021 में
सीपीआई मुद्रास्फीति 3 महीने के सबसे कम स्तर पर चली गई। हालांकि यह आंकड़ा भी उम्मीद से
ऊंचा ही लगता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुल मिलाकर स्थानीय स्तर पर लगे प्रतिबंधों का कीमतों पर सीमित असर रहा है। (भाषा)