मुंबई। प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के मजबूत होने तथा घरेलू शेयर बाजार में गिरावट से बीते सप्ताह अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपए में इस साल की दूसरी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। यह 68 पैसे टूटकर नौ सप्ताह से अधिक के निचले स्तर 67.45 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया।
इससे पहले रुपया 15 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 95 पैसे टूटकर 67.60 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया था, जो इस साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट थी।
भारतीय मुद्रा लगातार सात कारोबारी दिवस से लुढ़कती हुई 89 पैसे टूट चुकी है।
आलोच्य सप्ताह के पहले एवं दूसरे दिन बैंकों एवं तेल आयातकों की डॉलर लिवाली के कारण रुपया क्रमश: तीन पैसे एवं सात पैसे कमजोर हुआ।
तीसरे कारोबारी दिवस यानी बुधवार को डॉलर के तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाने से यह 11 पैसे गिर गया। गुरुवार को इसमें 14 सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई और यह 38 पैसे टूटा। अंतिम कारोबारी दिवस में भी यह नौ पैसे फिसल गया।
कारोबारियों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के जून से ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू करने के संकेत से दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर की मजबूती से रुपया कमजोर हुआ है। इसके अलावा इस दौरान शेयर बाजारों में गिरावट आने से भी इस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। (वार्ता)