मुंबई। Third Largest Economy : देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने वर्ष 2027 तक भारतीय अर्थव्यवस्था के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाने का अनुमान जताया है जो पहले जताए गए अनुमान से 2 साल कम है। यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संबोधन के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने भरोसा जताया कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश-दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर (स्थिर मूल्य पर) 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहेगी।
अर्थशास्त्रियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि देश ने 2014 के बाद से जिस रास्ते को चुना है, उससे पता चलता है कि भारत मार्च 2023 के वास्तविक जीडीपी आंकड़े के आधार पर 2027 (वित्त वर्ष 2027-28) तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। वर्ष 2014 से तुलना की जाए तो उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर थी। इस लिहाज से इसमें सात स्थानों का सुधार होगा।
रिपोर्ट के अनुसार भारत को यह मुकाम पिछले अनुमान के मुकाबले 2 साल पहले ही प्राप्त होने की संभावना है। पिछले अनुमान में भारत के 2029 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई गई थी। फिलहाल भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रहेगी। इससे कुल मिलाकर वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से ऊपर जा सकती है। देश के लिये 6.5 से 7.0 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करना अब नया चलन बन गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी।
एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था सतत रूप से एक आदर्श स्थिति में है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भारत के लिये किसी भी मानदंड से एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी।
रिपोर्ट के अनुसार 2022-27 के दौरान अर्थव्यवस्था के आकार में 1,800 अरब डॉलर की वृद्धि आस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार से ज्यादा की होगी।
अर्थशास्त्रियों ने लिखा है कि वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 2027 तक चार प्रतिशत होगी और इस दौरान अर्थव्यवस्था का आकार हर दो साल में 750 अरब डॉलर बढ़ेगा।
रिपोर्ट के अनुसार इस रफ्तार से जीडीपी में वृद्धि से भारत 2047 में जब अपनी आजादी के सौ साल मना रहा होगा, तब अर्थव्यवस्था 20,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।
मौजूदा मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 11-11.5 प्रतिशत तथा वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत सालाना रहने से भारत की संचयी वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत होगी और वृद्धि की यह रफ्तार संभव है।
रिपोर्ट कहती है कि राज्यों में महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश का जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) वर्ष 2027 तक 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा। भाषा Edited By : Sudhir Sharma