मुंबई। छह माह पहले रिलायंस ग्रुप ने टाटा को पछाड़कर देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह का दर्जा प्राप्त किया था। लॉकडाउन के बाद टाटा ने एक बार फिर अपनी सॉफ्टवेअर कंपनी टीएसएस के जबरदस्त प्रदर्शन की बदौलत फिर यह दर्जा हासिल कर लिया। एचडीएफसी बैंक दूसरे नंबर पर और रिलायंस तीसरे नंबर पर है।
वित्तीय शेयरों में आई तेजी के चलते एचडीएफसी समूह देश का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन गया है। हालांकि, कंपनियों की बात की जाए तो रिलायंस इंडस्ट्रीज अब भी देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है।
सितंबर तक रिलायंस के शेयर के भाव बढ़ते रहे और 16 सितंबर को रिलायंस का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया। लेकिन, इसके बाद रिलायंस के शेयर गिरने लगे और अब उसका मार्केट कैप 12.22 लाख करोड़ रुपए रह गया।
इसी बीच टाटा ग्रुप की कंपनियों टीसीएस, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील में आई तेजी के चलते समूह का कुल मार्केट कैप 16.69 लाख करोड़ रु. के पार पहुंच गया, जो रिलायंस समूह से करीब 36% ज्यादा है। टीसीएस ने 2020 में कई बड़े सौदे किए। शेयर बाजार में भी इसके शेयर की बढ़ती मांग ने इसे नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।
इन 3 कंपनियों ने रतन टाटा के टाटा समूह को एक बार फिर नंबर 1 के दर्जे तक पहुंचा दिया। इसके अलावा टाटा कम्यूनिकेशन के शेयरों में आए उछाल ने भी टाटा को काफी फायदा पहुंचाया।
शेयर बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार, टीसीएस ने लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम का पूरा फायदा उठाया। उसके कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम के दौरान घर से काम किया। इससे उसे कोई नुकसान नहीं हुआ। उल्टा इस अवधि में उसने कई नए सौदे गए। इसने टीसीएस को काफी फायदा हुआ। 16 जुलाई को एनएसई पर टीसीएस का जो शेयर 2233 पर था आज 3253 पर जा पहुंचा।
लॉकडाउन के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर में आए बूम और टेस्ला की टाटा मोटर्स की दिलचस्पी की खबरों ने टाटा मोटर्स को भारी फायदा पहुंचाया। टाटा मोटर्स ने नेक्सान, टियागो, हैरियर जैसी नई गाड़ियां लांच की और इनकी एग्रेसिव ब्रांडिंग भी की। लॉकडाउन में टाटा मोटर्स का 80 का भाव आज 250 हो गया।
बागौरा ने बताया कि दूसरी ओर चीन से इंपोर्ट महंगा होने से कच्चे माल के भाव बढ़ गए। इससे बाजार में स्टील महंगा हो गया। इससे स्टील मार्केट में लीडर के रूप में पहचाने जाने वाले टाटा स्टील को भारी फायदा हुआ। टाटा स्टील का शेयर 16 जुलाई को 341 रुपए था आज 705 रुपए पर ट्रेंड कर रहा है।
दूसरी तरफ रिलायंस में फेसबुक, गूगल समेत कई कंपनियों ने जमकर निवेश किया था। इस वजह से रिलायंस के शेयरों में काफी तेजी दिखाई दी। सितंबर तक कंपनी के शेयरों में इसका असर दिखाई दिया। अब स्थितियां बदलती दिखाई दे रही है। ग्रुप के शेयर सितंबर के बाद 20% तक गिर चुके हैं। इस वजह से रिलायंस 3 नंबर पर जा पहुंचा।