नई दिल्ली। कोरोना महामारी से जंग लड़ रही दुनिया अब यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव से परेशान नजर आ रही है। अगर दोनों देशों के बीच युद्ध के बीच अगर अमेरिका और नाटो उसमें सैन्य भागीदारी का फैसला लेते हैं तो तीसरे विश्व युद्ध की भी नौबत आ सकती है।
अगर केवल रूस और यूक्रेन के बीच खूनी जंग से दुनियाभर में महंगाई की भीषण मार पड़ेगी और भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा। कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुका है। इससे देश में पेट्रोल डीजल के दाम तेजी से बढ़ेंगे और एक बार फिर महंगाई बम फूटेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी आशंका जाहिर की है कि यह भारत की वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हो सकता है।
देश में इन दिनों विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद यहां पेट्रोल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है।
भारत में पेट्रोल-डीजल का गणित : 2014 में जब क्रूड के दाम 108 डॉलर प्रति बैरल थे तब दिल्ली में पेट्रोल 72.26 रुपए प्रति लीटर था, जबकि डीजल 55.48 रुपए प्रति लीटर था। आज जब क्रूड 100 रुपए के करीब है तब राजधानी में पेट्रोल 96 रुपए और डीजल 86.67 रुपए प्रति लीटर है। हालांकि 21 अक्टूबर 20 अक्टूबर 2021 को पेट्रोल 106.19 और डीजल 94.90 रुपए पहुंच चुका था। तब सरकार ने वैट और अन्य टैक्स घटाकर इसकी बढ़ती कीमतों पर कुछ हद तक लगाम कसी थी।
2003 के अप्रैल में पेट्रोल 33.49 रुपए प्रति लीटर था। तब डीजल के दाम 22.12 रुपए ही थे। साल दर साल इसकी कीमत बढ़ती गई। 2011 में पेट्रोल पहली बार 50 रुपए पार पहुंचा जबकि 2014 में डीजल ने पहली बार 50 के आंकड़े को छुआ। 2021 में पेट्रोल देश के अधिकांश शहरों में 100 के पार हो गया जबकि कई स्थानों पर डीजल भी 3 अंकों में पहुंचा।
खाद्य तेल के भी बढ़ेंगे दाम : भारत हर माह यूक्रेन से करीब 2 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है। युद्ध की वजह से यूक्रेन से सूरजमुखी तेल की खेप लेकर भारत आने वाले मालवाहक जहाज भी देर से यहां पहुंचेंगे। इस स्थिति में अर्जेंटीना पर हमारी निर्भरता बढ़ जाएगी।
भड़केगी महंगाई : अगर पेट्रोल के दाम तेज से बढ़े तो अन्य वस्तुओं में भी महंगाई की मार पड़ेगी। ट्रांसपोर्टेशन महंगा होगा, माल ढुलाई के दाम बढ़ेंगे और आम आदमी की परेशानी में इजाफा होगा।
भारत के रूस से काफी पुराने व्यापारिक संबंध है। दोनों देशों के बीच बड़ी मात्रा में वस्तुओं का आयात निर्यात होता है। युद्ध होने पर भारत को अन्य देशों से यह वस्तुएं महंगे दामों पर खरीदना होगी।
यूक्रेन से भारत में खाद्य तेल समेत कई वस्तुओं का आयात होता है। 2021 में भारत ने रूस से 43,400 बीपीडी तेल का आयात किया था। युद्ध होता है तो व्यापार नहीं होगा और भारत के लिए परेशानी बढ़ेगी। पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से देश में आवागमन से लेकर रसोई तक सभी वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं। ऐसे में हर घर का बजट गड़बड़ाने के आसार है।