Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वापसी कर रहे अनिल अंबानी पर क्यों गिरी सेबी की गाज?

हमें फॉलो करें anil ambani

नृपेंद्र गुप्ता

, शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 (15:12 IST)
sebi action against anil ambani : बाजार नियामक सेबी ने उद्योगपति अनिल अंबानी तथा रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य को कंपनी से धन के हेर-फेर के मामले में प्रतिभूति बाजार से 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया। अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को भारी गिरावट आई। ALSO READ: सेबी ने अनिल अंबानी समेत 25 पर लगाया बैन, सिक्यूरिटी मार्केट में नहीं कर सकेंगे डील
 
क्या है मामला : अपने 222 पृष्ठ के अंतिम आदेश में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पाया कि अनिल अंबानी ने आरएचएफएल के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों की मदद से, आरएचएफएल से धन निकालने के लिए एक धोखाधड़ी की साजिश रची, जिसमें उसे अपनी संबद्ध संस्थाओं को ऋण के रूप में दिखाया गया था।
 
आरएचएफएल के निदेशक मंडल ने हालांकि इस तरह की ऋण देने की प्रथाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे और कॉर्पोरेट ऋणों की नियमित समीक्षा की थी, लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों की अनदेखी की। नियामक के अनुसार, इससे पता चलता है कि कामकाज के तरीके में बड़ी त्रुटि हुई, जिसे अनिल अंबानी के प्रभाव में कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों ने अंजाम दिया। इन परिस्थितियों को देखते हुए, आरएचएफएल कंपनी को धोखाधड़ी में शामिल लोगों के समान जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
 
नियामक ने कहा कि इसके अलावा, शेष संस्थाओं ने या तो अवैध रूप से हासिल ऋणों के प्राप्तकर्ता होने की भूमिका या आरएचएफएल से धन को अवैध रूप से कहीं ओर पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम देने में भूमिका निभाई है।
 
सेबी ने कहा कि उसके निष्कर्षों के अनुसार, धोखाधड़ी की एक साजिश नोटिसी संख्या 2 (अनिल अंबानी) ने रची और आरएचएफएल के केएमपी ने इसे अंजाम दिया। इस साजिश के जरिये सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी (आरएचएफएल) से धन की हेराफेरी की गई और उन अयोग्य उधारकर्ताओं को ऋण के रूप में दिया गया जो नोटिसी संख्या 2 (अनिल अंबानी) से संबद्ध संस्थाओं के प्रवर्तक पाए गए।
 
अंबानी ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए एडीए समूह के चेयरमैन के तौर पर अपने पद और आरएचएफएल की नियंत्रक (होल्डिंग) कंपनी में अपनी महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष शेयरधारिता का इस्तेमाल किया। सेबी ने अपने आदेश में कंपनी के प्रबंधन तथा प्रवर्तक के लापरवाह रवैये का जिक्र किया, जिसके तहत उन्होंने ऐसी कंपनियों को सैकड़ों करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जिनके पास न तो परिसंपत्तियां थीं, न ही नकदी प्रवाह, ‘नेटवर्थ’ या राजस्व था।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट : विशेषज्ञ सुयश राठौर ने बताया कि सेबी के अनिल अंबानी पर एक्शन का शेयर बाजार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने रिटेल निवेशकों को अनिल अंबानी के शेयरों से फिलहाल दूरी बनाए रखने की सलाह दी। आने वाले कुछ दिन इसके शेयरों में गिरावट दिखाई दे सकती है।

बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने बताया कि अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आएगी। इससे निवेशकों को भरोसा टूटेगा। नई फंडिंग में दिक्कत आएगी। उन्होंने कहा कि निवेशकों को कंपनी की शेयरों में मुनाफा हो रहा है तो तुरंत बेंचकर बाहर निकल जाना चाहिए। कंपनी के शेयरों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। अगर फिलहाल शेयर मुनाफे की स्थिति में नहीं है तो इन्हें होल्ड पर रखा जा सकता है।

बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनियों विदेशी निवेशकों की होल्डिंग कम होगी। हो सकता है कि आने वाले समय इनके शेयरों को खरीदार नहीं मिलेंगे। आने वाले समय में लोअर सर्किट लगने के चांसेंस बढ़ेंगे। हालांकि ओवरआल रूप से बाजार पर इसका असर नहीं होगा।

एक साल में दिया 114 % का रिटर्न : उल्लेखनीय कि पिछले 6 ट्रेडिंग सेशन में रिलायंस पॉवर के शेयरों ने 5 बार अपर सर्किट लगा है। पिछले एक साल में रिलायंस पावर के शेयरों ने अपने निवेशकों को 100 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया। यह शेयर गत 12 महीनों में 114 प्रतिशत बढ़ा जबकि इसमें सालाना आधार पर 55 फीसदी का उछाल देखा गया।
 
शेयरों में भारी गिरावट : रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) का शेयर एनएसई पर 5.12 प्रतिशत गिरकर 4.45 रुपए पर और बीएसई पर 4.90 प्रतिशत की गिरावट के बाद 4.46 रुपए पर आ गया। बीएसई पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर 10.83 प्रतिशत गिरकर 209.90 रुपए और एनएसई पर यह 8.89 प्रतिशत गिरकर 214.76 रुपए पर आ गया।
 
इन लोगों पर भी शिकंजा : प्रतिबंधित 24 में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के पूर्व प्रमुख अधिकारी अमित बापना, रवींद्र सुधालकर और पिंकेश आर. शाह शामिल हैं। अंबानी पर 25 करोड़ रुपए, बापना पर 27 करोड़ रुपए, सुधालकर पर 26 करोड़ रुपए और शाह पर 21 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
 
इसके अतिरिक्त, रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट एलटी, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड, रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज होल्डिंग्स लिमिटेड और रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड सहित शेष संस्थाओं पर 25-25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
 
बाजार नियामक सेबी ने फरवरी 2022 में एक अंतरिम आदेश पारित किया था और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, उद्योगपति अनिल अंबानी और तीन अन्य व्यक्तियों (अमित बापना, रवींद्र सुधाकर और पिंकेश आर. शाह) को कंपनी से धन निकालने के आरोप में अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार में संलिप्त होने से रोक दिया था।(वेबदुनिया/एजेंसियां) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

DGCA ने एयर इंडिया पर लगाया 90 लाख का जुर्माना, उड़ान संचालन में लापरवाही का है मामला