नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने गुरुवार को कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं के 'टर्म-1' की बोर्ड परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में 'ऑफलाइन' आयोजित की जाएंगी तथा इसके कार्यक्रम की घोषणा 18 अक्टूबर को की जाएगी। बोर्ड ने कहा कि परीक्षाएं वस्तुनिष्ठ प्रकार की होंगी और परीक्षा की अवधि 90 मिनट होगी। सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए परीक्षा पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे के बजाय, पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे शुरू होगी।
अकादमिक सत्र को बांट 2 चरणों में परीक्षाएं करा पाठ्यक्रम को समाहित करना कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जुलाई में सीबीएसई द्वारा 2021-22 के लिए 10वीं और 12 वीं की परीक्षाओं के लिए घोषित विशेष मूल्यांकन योजना का हिस्सा है। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि टर्म-1 की परीक्षाएं लेने के बाद अंकों के रूप में परिणामों की घोषणा की जाएगी। प्रथम टर्म के बाद किसी भी छात्र को पास (उत्तीर्ण), कंपार्टमेंट और आवश्यक रिपीट श्रेणियों में नहीं रखा जाएगा। अंतिम परिणामों की घोषणा टर्म-1 और टर्म-2 की परीक्षा के बाद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकल परीक्षाएं या आंतरिक मूल्यांकन, टर्म-1 परीक्षाओं के संपन्न होने से पहले स्कूलों में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें निर्धारित अंक का आवंटन पाठ्यक्रम में कुल अंक का 50 प्रतिशत होगा और स्कूलों को पूरी योजना के बारे में अलग से सूचित किया जाएगा ताकि वे जरूरी तैयारी कर सके। भारद्वाज ने कहा कि टर्म-2 की परीक्षा मार्च अप्रैल 2022 में आयोजित की जाएगी और क्या यह वस्तुनिष्ठ या लंबे उत्तरों वाली होगी, वह देश में कोविड-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी। गौरतलब है कि सीबीएसई 12वीं कक्षा में 114 विषय और 10वीं कक्षा में 75 विषय पेश करता है।
भारद्वाज ने कहा कि सीबीएसई को 189 विषयों के लिए परीक्षा का आयोजन करना होता है। अगर परीक्षा सभी विषयों के लिए ली जाए तो परीक्षा की अवधि 40-45 दिनों की होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में छात्रों की स्कूली पढ़ाई का कम से कम नुकसान हो, इसके लिए सभी विषयों को 2 भागों में बांटा है। उन्होंने कहा कि इसमें प्रमुख (मेजर) विषयों की परीक्षा तय तारीख के आधार पर संबंधित स्कूलों में ही होगी। जबकि लघु (माइनर) विषयों के लिए सीबीएसई ऐसे स्कूलों का एक समूह बनाएगा, जहां ए विषय पढ़ाए जाते हैं और उसके आधार पर ही तारीख जारी होगी।(भाषा)