Reasons for India's Loss against WI : भारत इन दिनों वेस्टइंडीज दौरे पर है (Indian Tour Of West Indies) और दोनों टीमों के बीच T20 Series शुरू हो चुकी है। पहला मैच गुरूवार को Brian Lara Cricket Academy में खेला गया जहां वेस्टइंडीज ने 4 रनों से मैच जीता। Toss जीतकर Westindies ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। टीम इंडिया का नेतृत्व Hardik Pandya कर रहे थे और Rovman Powell वेस्टइंडीज के कप्तान थे। Arshdeep Singh और Yuzvendra Chahal के 2-2 विकटों की बदौलत टीम इंडिया, वेस्ट इंडीज को 149 के स्कोर पर रोकने में सफल रही लेकिन खुद उस लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई।
आइए जानते हैं तीन वजह जिसकी वजह से टीम इंडिया वेस्ट इंडीज के दिए गए छोटे टारगेट का पीछा करने में असफल रही और अपने 9 विकेट खोकर 145 रन ही बना पाई
1. मैच फिनिशर (Match Finisher) : टीम इंडिया लंबे समय से एमएस धोनी (MS Dhoni) जैसे फिनिशर की तलाश कर रही है, लेकिन वे इसके करीब भी नहीं पहुंच सके। एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया, 20 ओवर से पहले ही लक्ष्य तक पहुंच जाएगी लेकिन कोई ऐसा नहीं कर सका और एक के बाद एक विकेट गिरते गए। भारत को जल्द से जल्द एक मैच फिनिशर ढूंढने की जरूरत है अन्यथा यह टीम के लिए एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा।
2 . इंटेंट (Intent) : अगर आपके इरादे मजबूत होते हैं तो आप आधा खेल वहीँ जीत जाते हैं फिर ज़रूरत होती है बस इरादे को अमल में लाने की और execute करने की। कल के मैच में देखा जाए तो Debutant Tilak Varma के अलावा किसी में भी Strong Intent नहीं दिखाई दिया। तिलक ने 39 रन बनाए और उसके बाद जिन्होंने टीम इंडिया के लिए रन स्कोर किये वे हैं Suryakumar Yadav जिन्होंने 21 रन बनाए। इस स्कोर से बाकी खिलाडियों का इंटेंट दिखाई देता है। जहाँ 149 के स्कोर का पीछा कम ओवरों में कम विकेट गावकर ही किया जा सकता था वहां टीम इंडिया 20 ओवरों में अपने 9 विकेट गवा बैठी और लक्ष्य के करीब आकर हार गई। टीम के खिलाड़ी को मैच जीतने का मजबूत इरादा रखना शुरू कर देना चाहिए, यहां तक कि उन्हें जल्द से जल्द खत्म करने का प्रयास भी करना चाहिए। इस तरह एक मजबूत टीम बनेगी।
3. बार-बार होने वाली गलतियाँ (Repetitive Errors) : गलतियां करना बुरी बात नहीं कहलाता लेकिन गलतियों से न सीखना एक गलत आदत कहलाती है। कल वेस्ट इंडीज के खिलाफ टीम इंडिया ने वे गलतियां दोहराई जिनसे वे सिख कर आगे बढ़ सकते थे और अच्छा कर सकते थे। मैच के दौरान फील्डिंग भी सुस्त दिखाई दी और बोलिंग में भी कुछ नयापन या कोशिश नज़र नहीं आई। जब पूरन और पॉवेल अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे तब भारतीय टीम की गेंदबाजी ढीली दिखी। परिणाम यह हुआ कि Nicholas Pooran और Rovman Powell दोनों ने 40 रनों का आंकड़ा पार किया और अपनी टीम को 149 का का स्कोर सेट करने में मदद की। टीम में बदलाव आना जायज है, कप्तान भी बदला है और सीनियर खिलाडियों की जगह अब युवा खिलाडी भी लेंगे लेकिन गलतियों से, चाहे वे पुराने खिलाडियों की ही क्यों न हो, जितनी जल्दी सीखा जाए उतना बेहतर है। यह युवा खिलाडियों को एक नई एप्रोच के साथ खेलने में और आगे बढ़ने में मदद करेगा।