भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज, वेंकटेश प्रसाद ने के एल राहुल के टेस्ट क्रिकेट में चल रहे बुरे फॉर्म के बाद भी टीम में लगातार जगह मिलने पर प्रश्न उठाए। के एल राहुल कुछ दिनों से आलोचकों के पसंदीदा लक्ष्य रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चल रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले 2 मैच जीतकर भारत वापस इस ट्रॉफी का धारक बन गया है।
भारतीय बल्लेबाज के एल राहुल इन दो टेस्ट मैचों में 12.67 की औसत से सिर्फ 38 रन ही बना पाए। उनका आखरी टेस्ट शतक साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2021 में आया था। इन दो टेस्ट मैचों में उनके बुरे प्रदर्शन के बाद भी उन्हें बाकी के बचे दो मैचों में वापस टीम में जगह मिल गई है। ऐसे में क्रिकेट दर्शकों के साथ साथ क्रिकेट एक्सपर्ट्स और भारतीय टीम के पूर्वी खिलाड़ी सोशल मीडिया पर केएल राहुल को टीम में बनाए रखने पर अपने अलग अलग विचार व्यक्त कर रहे हैं।
सोमवार को वेंकटेश प्रसाद ने अपने ट्विटर हैंडल पर के एल राहुल के टेस्ट क्रिकेट में घरेलू और विदेशी आंकड़ों की सूचि पोस्ट करते हुए कहा " लोगो के बीच एक राय है कि केएल राहुल का विदेशी टेस्ट रिकॉर्ड शानदार है। लेकिन आंकड़े कुछ और ही बोलते हैं। उनका 56 पारियों में विदेशों में 30 का टेस्ट औसत है। उन्होंने 6 विदेशी शतक बनाए हैं, लेकिन इसके बाद कम स्कोर के साथ उनका औसत 30 रहा है।"
वेंकटेश ने के एल राहुल के आंकड़े साझा करने के बाद उनकी तुलना शिखर धवन, मयंक अग्रवाल, अजिंक्य रहाणे और शुभमन गिल, जिनका 2023 की शुरुआत से बेहतरीन टेस्ट प्रदर्शन रहा है, से की। इन आंकड़ों को साझा करने के पीछे वेंकटेश प्रसाद का मकसद चयनकर्ताओं से पूछना है कि टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद भी केएल अभी भी टीम में क्यों हैं जबकि ऐसे कुछ खिलाडी हैं जिनके आंकड़े के एल राहुल के आंकड़ों से बेहतर हैं और वे बस टीम में जगह पाने का इंतज़ार कर रहे हैं।
मंगलवार को आकाश चोपड़ा ने वेंकटेश प्रसाद के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए भरतीय बल्लेबाजों के SENA देशों के आंकड़े पोस्ट कर कहा "यह हैं सेना देशों में भारतीय बल्लेबाज। शायद, यही कारण है कि चयनकर्ता/कोच/कप्तान केएलआर का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने इस अवधि के दौरान घर पर 2 टेस्ट खेले हैं (वर्तमान बीजीटी) नहीं, मुझे चयनकर्ता/कोच के रूप में बीसीसीआई की भूमिका की आवश्यकता नहीं है। मुझे किसी भी आईपीएल टीम में किसी संरक्षक, कोचिंग की भूमिका की आवश्यकता नहीं है।"
के एल राहुल के टेस्ट मैचों में ख़राब प्रदर्शन के बाद कई ऐसे लोग हैं जो चयनकर्ताओं से उन्हें टीम में बनाए रखने पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें अगले दो मैचों में टीम में जगह देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे के एल राहुल पर भरोसा बनाए रखना चाहते हैं। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने के एल राहुल के आलोचकों को परोक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा
"मेरे हिसाब से केएल राहुल को अपने प्रोसेस पर ध्यान देने की जरूरत है। ये बस एक खराब दौर है। वो हमारे सबसे सफल विदेशी ओपनर्स में से एक रहे हैं। उन्होंने साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में शतक लगाए थे और हम लगातार उन्हें सपोर्ट करते रहेंगे। मेरे हिसाब से उनके अंदर वो क्लास और क्वालिटी है कि इस तरह की चीजों से बाहर निकलकर सामने आ सकें। हम उनको तकनीक के बारे में ज्यादा नहीं बताते हैं और केवल सिंपल बात करते हैं। "
हालाँकि बीसीसीआई ने एक विज्ञप्ति जारी की है जिसमें राहुल के नाम से 'उप-कप्तान' का लेबल हटा दिया गया है। इस से यह पता चलता है कि के एल राहुल को आने वाले मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर टीम मैनेजमेंट के विश्वास पर खरा उतरना होगा। वेंकटेश प्रसाद का मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा मैच जो कि इंदौर के होल्कर स्टेडियम में आयोजीत किया जाएगा, के एल राहुल के लिए अच्छा प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह साबित करने का सुनहरा मौका है।