एक समय था दक्षिण अफ्रीका की टीम ऑलराउंडरों के लिए जानी जाती थी। जैक कैलिस सबसे बड़ा नाम थे लेकिन 1999 के विश्वकप में जिस ऑलराउंडर ने अफ्रीका के लिए एक तरफा लड़ाई की वो थे लांस क्लूजनर जो अब अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के कोच हैं।
साल 1996 में अपना डेब्यू करने वाले लांस क्लूजनर वनडे में पहली पारी में तो गेंद और बल्ले से फेल रहे थे लेकिन इसके तुरंत बाद भारत के खिलाफ खेले गए टेस्ट डेब्यू में उन्होंने दूसरी पारी में 8 विकेट लेकर तहलका मचा दिया था।
उन्होंने 1999 में भारत के विश्वकप अभियान की शुरुआत में भी रंग में भंग डाल दिया था। पहले मैच में भारत अच्छी स्थिती में थी और दक्षिण अफ्रीका के सभी मुख्य बल्लेबाज आउट हो गए थे। लेकिन क्लूजनर ने अकेले दम पर अफ्रीका को यह मैच 4 विकेट से जिता दिया।
इस विश्वकप में क्लूजनर ने 281 रन बनाए और वह भी 140 की औसत से। इसका कारण था उनका बहुत कम बार आउट होना। उस विश्वकप में क्लूजनर के आउट होने पर सट्टा लगने लगा था। इस टूर्नामेंट में गेंद से भी उन्होंने 17 विकेट लिए थे।
ऐसे शानदार ऑलराउंडर को अपना करियर सिर्फ इसलिए जल्द खत्म करना पड़ा क्योंकि वह युवाओं के लिए खतरा बन रहे थे। कप्तान के इस बयान पर हालांकि क्लूजनर ने कहा था कि कप्तान ग्रीम स्मिथ उनसे डरते हैं। साल 2004 में उन्होने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। साउथ अफ्रीका के 48 वर्षीय ऑलराउंडर ने अपने करियर में 49 टेस्ट और 171 वनडे खेले।
बतौर कोच पहली ही सीरीज में अफगानिस्तान ने टी-20 विश्वकप विजेता इंडीज को हराया
वेस्ट इंडीज के फिल सिमन्स का कार्यकाल विश्व कप 2019 में समाप्त होने के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) को मुख्य कोच पद के लिए 50 आवेदन मिले थे। क्लूजनर हाल में भारत के खिलाफ समाप्त हुई टी20 सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के सहायक बल्लेबाजी कोच थे। लांस क्लूजनर को सितंबर के आखिर में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
उनके कोच बनने के बाद अफगानिस्तान टीम ने लखनऊ के एकाना स्टेडियम में टी-20 विश्वकप 2016 की विजेता टीम वेस्टइंडीज को तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 2-0 से हराया था।
लांस क्लूजनर मानते हैं अफगानिस्तान की असल ताकत टी-20 क्रिकेट है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि अफगानिस्तान किस तरह की बेखौफ क्रिकेट खेलता है। इस कारण क्रिकेट के इस फॉर्मेट में उनका उज्जवल भविष्य है। (वेबदुनिया डेस्क)