नई दिल्ली। विश्व कप में 2015 में पदार्पण के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ी छलांग लगाने वाली टीम अफगानिस्तान अगले सप्ताह शुरू हो रहे विश्व कप में अगर एक-दो बड़ी टीमों को पटखनी देने में सफल रहे तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा।
विश्व कप में सभी टीमों को एक-दूसरे से भिड़ना है और ऐसे में कोई भी टीम उसे हल्के में नहीं लेना चाहेगी। 2015 में अफगानिस्तान सिर्फ 1 मैच में जीत दर्ज कर सका था लेकिन उस समय राशिद खान जैसे मैच विजेता टीम में नहीं थे।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी माना कि अफगानिस्तान की टीम ने पिछले 4 साल में काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि अगर आप 2015 की अफगानिस्तान की टीम को देखेंगे तो अब टीम पूरी तरह से बदल गई है। कोई भी टीम किसी को भी हरा सकती है। टीम के पास अब अनुभव है और आईसीसी विश्व कप क्वालीफायर में उसने विंडीज को फाइनल सहित 2 बार हराया था।
विश्व कप की तैयारियों के तहत अफगानिस्तान ने दक्षिण अफ्रीका में अभ्यास किया और फिर ब्रिटेन में स्कॉटलैंड और आयरलैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैच खेले। टीम की तैयारियों को उस समय झटका लगा, जब लंबे समय से तीनों प्रारूप में कप्तानी कर रहे असगर अफगान को अचानक इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया। वे हालांकि एकदिवसीय टीम में शामिल हैं।
मोहम्मद नबी और राशिद खान जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने भी विश्व कप से 2 महीने पहले कप्तान बदलने पर सवाल उठाया था। बाद में चयनकर्ताओं ने उन्हें मना लिया। गुलबदीन नायेब को एकदिवसीय टीम का कप्तान बनाने से पहले कोच फिल सिमंस को भी भरोसे में नहीं लिया गया। नायेब ने हालांकि आयरलैंड के खिलाफ 43 रनों पर 6 विकेट लेकर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए टीम को 126 रनों से जीत दिलाई।
टी-20 प्रारूप में अफगानिस्तान को सबसे खतरनाक टीमों में से एक माना जाता है और टीम ने 50 ओवर के प्रारूप में भी जुझारूपन दिखाया है। उसकी सबसे बड़ी ताकत राशिद, नबी और मुजीब जदरान की स्पिन तिकड़ी है जबकि हामिद हसन और दौलत जदरान की तेज गेंदबाजी की जोड़ी ने भी खुद को साबित किया है।
गेंदबाजों की तरह बल्लेबाजों ने आत्मविश्वास नहीं दिखाया है। टीम सोमवार को बेलफास्ट में 101 रनों की पारी खेलने वाले मोहम्मद शहजाद पर अच्छी शुरुआत के लिए निर्भर रहेगी। रहमत शाह, हशमातुल्लाह शाहिदी, अफगान और नबी पर मध्यक्रम की जिम्मेदारी होगी। (भाषा)