काबुल:अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने मिरवाइज अशरफ को अपना कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। अफगानिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर ने बोर्ड में मची उथल-पुथल के बीच मंगलवार को कार्यभार संभाला।
एसीबी के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह नियुक्ति उसके संविधान के तहत की गई है। बोर्ड चुनाव प्रक्रिया को जल्द पूरा करेगा।
अशरफ ने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद जोर देते हुए कहा कि बोर्ड की प्राथमिकता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और अन्य राष्ट्रीय बोर्डों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की होगी। इसके अलावा उन्होंने घोषणा की कि एसीबी यह सुनिश्चित करेगा कि अफगानिस्तान में महिलाओं को सामान्य रूप से क्रिकेट खेलने को मिले। अशरफ ने बुधवार को बोर्ड के विभिन्न विभागों के प्रबंधकों के साथ बैठक करते हुए कहा, “ हमारी लड़कियां सामान्य तौर पर क्रिकेट खेलेंगी और हम उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं। ”
उन्होंने आईसीसी के दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि एसीबी विश्व निकाय की आवश्यकताओं को महत्व देता है। यह ध्यान देने योग्य बात है कि आईसीसी ने हाल ही में एसीबी की स्थिति के बारे में रिपोर्ट करने के लिए एक कार्यदल का गठन किया था। वहीं एसीबी के सीईओ नसीब खान ने कहा कि एसीबी तीन करोड़ अफगान नागरिकों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में दुबई में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ उनकी एक सफल बैठक हुई। उन्होंने कहा कि हमने अन्य क्रिकेट देशों के अधिकारियों से भी मुलाकात की है ताकि उनके साथ द्विपक्षीय संबंध रखने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की जा सके।
उल्लेखनीय है कि अशरफ ने अपने सात साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में अफगानिस्तान के लिए 46 वनडे और 25 टी-20 मैच खेले हैं। वह अब अजीजुल्लाह फाजली की जगह पर एसीबी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे, जिन्होंने अगस्त में अफगानिस्तान सरकार के तख्तापलट के तुरंत बाद यह कार्यभार संभाला था। समझा जाता है कि फाजली और अशरफ अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के विभिन्न गुटों से संबंध रखते हैं।
क्रिकेट जैसे खेल में मुंह और शरीर मीडिया को दिखता है, इस कारण महिला क्रिकेट पर लगाई पाबंदी
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्लाह वासिक के हवाले से नेटवर्क ने कहा था कि क्रिकेट में ऐसे हालात होते हैं कि मुंह और शरीर ढका नहीं जा सकता। इस्लाम महिलाओं को ऐसे दिखने की इजाजत नहीं देता।
तालिबान के अनुसार, यह मीडिया का युग है जिसमें फोटो और वीडियो देखे जायेंगे। इस्लाम और इस्लामी अमीरात महिलाओं को क्रिकेट या ऐसे खेल खेलने की अनुमति नहीं देता जिसमें शरीर दिखता हो। तालिबान पुरूष क्रिकेट जारी रखेगा