नई दिल्ली। मौजूदा भारतीय कोच अनिल कुंबले ने कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेदों और टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों के उनके खिलाफ कथित रूप से विरोध के बावजूद कोच पद के लिए आधिकारिक रूप से फिर आवेदन कर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कोच पद के लिए आवेदन निकालने के समय हालांकि कहा था कि कुंबले को औपचारिक आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं होगी और वह अंतिम पूल में सीधी प्रविष्टि रहेंगे। कुंबले अब भारतीय टीम के कोच के लिए शार्ट लिस्ट किए गए छह उम्मीदवारों का हिस्सा बन गए हैं। इन उम्मीदवारों का तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) साक्षात्कार करेगी।
इन छह उम्मीदवारों में कुंबले, पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के कोच टॉम मूडी, इंग्लैंड के रिचर्ड पाइबस, अफगानिस्तान के भारतीय कोच लालचंद राजपूत और डोडा गणेश शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज केग मैकडरमाट ने भी आवेदन किया था, लेकिन वह 31 मई की समयसीमा के बाद पहुंचा था। इसके बावजूद सीएसी उनके आवेदन की जांच करेगी और साक्षात्कार के लिए उनकी योग्यता पर फैसला लेगी।
सीएसी में तीन पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। कोच की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने और साक्षात्कार का कार्यक्रम तय करने के लिए सीएसी की बैठक इस सप्ताह होने की संभावना है। बीसीसीआई 18 जून को चैंपियंस ट्रॉफी की समाप्ति से पहले कोच की घोषणा कर देना चाहती है क्योंकि भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के तुरंत बाद सीमित ओवरों की सीरीज के लिए वेस्टइंडीज का दौरा करना है।
कुंबले का एक साल का कार्यकाल चैंपियंस ट्रॉफी के बाद समाप्त हो रहा है। उनका कार्यकाल सफल रहने के बावजूद बीसीसीआई ने कोच पद के लिए आवेदन मंगाए हैं। इसके पीछे कुंबले की कार्यशैली के प्रति विराट और कई अन्य खिलाड़ियों की नाराजगी बताई जाती है।
खिलाड़ियों के विरोध के बावजूद कुंबले के उत्साह में कोई फर्क नहीं आया है और 25 मई को आवेदन प्रक्रिया शुरू होने पर सबसे पहले उन्हीं का आवेदन आया था। कुंबले ने अपने आवेदन में भारतीय टीम के भविष्य को लेकर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से बताया था।
सीएसी के सदस्यों सचिन और गांगुली ने इस बीच पूरे हालात का जायजा लेने के लिए विराट से बातचीत की थी लेकिन वे साक्षात्कार तक कुंबले से बातचीत नहीं कर पाएंगे। बीसीसीआई इस संदर्भ में अपनी निर्धारित प्रक्रिया का पालन चाहती है। नए कोच को दो साल का अनुबंध मिलना है जिसमें 2019 का विश्वकप मुख्य लक्ष्य होगा। (वार्ता)