पोरवोरिम: अपने पिता महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का अनुकरण करते हुए अर्जुन (120 रन) ने बुधवार को यहां गोवा के रणजी ट्राफी ग्रुप सी मैच के दूसरे दिन राजस्थान के खिलाफ प्रथम श्रेणी पदार्पण में शतक जड़ दिया।
सचिन तेंदुलकर ने 34 साल पहले 15 साल की उम्र में वानखेड़े स्टेडियम में गुजरात के खिलाफ नाबाद 100 रन बनाकर महान क्रिकेटर बनने की यात्रा का सफर शुरू किया था।
दिवंगत लाला अमरनाथ और उनके तीन में से एक बेटे सुरिंदर ने अपने टेस्ट पदार्पण में शतक जड़े थे जिससे वे खेल के इस 145 साल के पारंपरिक अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पिता-पुत्र की पहली जोड़ी बने थे।
खेलने के ज्यादा मौकों की वजह से जूनियर तेंदुलकर ने इस सत्र के शुरू में मुंबई छोड़कर गोवा से खेलने का फैसला किया। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अर्जुन ने छठे विकेट के लिये 221 रन की साझेदारी निभाकर टीम को स्टंप तक आठ विकेट पर 493 रन के स्कोर तक पहुंचाया।
बायें हाथ के मध्यम गेंदबाज अर्जुन शुरूआती दिन निचले स्थान पर बल्लेबाजी करने उतरे तब टीम का स्कोर पांच विकेट पर 201 रन था।
उन्होंने सतर्क शुरूआत की और पहले दिन 12 गेंद में चार रन बनाकर नाबाद रहे, जिसमें उनके साथ प्रभुदेसाई (81 रन) थे।
पर बुधवार को उन्होंने अनीकेत चौधरी और कमलेश नागरकोटी जैसे अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ 86 गेंद में अपना पहला अर्धशतक बनाया।
फिर अर्जुन ने 177 गेंद में शतक जड़कर अपने पिता का अनुकरण किया जिनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वकालिक सर्वाधिक रन जुटाने का रिकॉर्ड है।
अर्जुन ने लिस्ट ए के आठ मैचों में आठ विकेट झटके हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में उन्होंने गोवा के लिये तीन टी20 मैचों में चार विकेट झटके थे।
अर्जुन ने भारतीय अंडर-19 टीम में भी जगह बनायी थी और उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस ने खरीदा था। लेकिन वह टीम के लिये एक भी आईपीएल मैच नहीं खेले।
बेंगलुरू में कर्नाटक ने पहली पारी में 304 रन बनाये और सेना के स्टंप तक 86 रन पर पांच खिलाड़ियों को पवेलियन भेज दिया।
पुडुचेरी में छत्तीसगढ़ ने पहली और दूसरी पारी में क्रमश: 162 और 184 रन बनाये। पहली पारी में 37 रन पर सिमटने वाली पुडुचेरी ने स्टंप तक पांच विकेट गंवाकर 96 रन बना लिये थे जिससे उससे जीत के लिये 214 रन की दरकार है।
रांची में केरल ने अक्षय चंद्रन (150 रन) और सिजोमन जोसफ (83 रन) की बदौलत पहली पारी में 475 रन बनाने के बाद स्टंप तक झारखंड के 87 तक तीन विकेट झटक लिये थे।
अर्जुन तेंदुलकर ने मुंबई से मांगी थी NOC
अगस्त के महीने में ही जूनियर तेंदुलकर ने मुंबई क्रिकेट संघ से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने के लिए आवेदन किया था। जीसीए अध्यक्ष सूरज लोतलीकर ने तब कहा था, 'हम बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की तलाश में हैं। इसलिए हमने अर्जुन तेंदुलकर को गोवा की टीम से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है। हम सत्र से पहले सीमित ओवरों के अभ्यास मैच खेलेंगे और वह इन मैचों में खेलेगा। चयनकर्ता इन मैचों में उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें टीम में रखने का फैसला करेंगे।'अर्जुन के लिए सबसे बड़ी निराशा यह रही उन्हें खुद को साबित करने का मौका मिले बिना इस सत्र में मुंबई की टीम से बाहर कर दिया गया था।