अगर चेन्नई में समाप्त हुए दूसरे टेस्ट को देखा जाए तो तीन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर जाएगी जिसके कारण भारत इंग्लैंड का विजयी रथ एशिया में रोक पाया। यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया की जीत का श्रेय इन तीन खिलाड़ियों को सबसे पहले मिलना चाहिए।
रोहित शर्मा- पहला दिन - 161 रन
टॉस जीतने के बाद भारतीय टीम पहले सेशन में ही गिल, पुजारा और विराट कोहली का विकेट गंवा चुकी थी लेकिन रोहित शर्मा के इरादे कुछ और थे। रोहित ने 231 गेंदों पर 161 रन की पारी में 18 चौके और दो छक्के लगाए। रोहित का इंग्लैंड के खिलाफ यह पहला और अपने करियर का सातवां शतक था।
रोहित ने सुबह के पहले सत्र में स्कोरिंग की सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर रखी। तीन विकेट गिरने के बावजूद रोहित ने तेज गति से रन बटोरकर इंग्लैंड के गेंदबाजों को हावी नहीं होने दिया। रोहित ने स्वीप का इस्तेमाल कर इंग्लैंड के दोनों स्पिनरों लेफ्ट आर्म स्पिनर जैक लीच और ऑफ स्पिनर मोईन अली की गेंदों पर चौके मारे।
रोहित ने रहाणे के साथ चौथे विकेट के लिए 310 गेंदों में 162 रन की साझेदारी कर भारत को तीन विकेट पर 86 रन की नाजुक स्थिति से उबार लिया।यह साझेदारी भारत को 329 के सम्मानजनक स्कोर पर ले गई। रोहित ने 161 के स्कोर पर लीच की गेंद पर एक बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में मोईन को कैच थमा दिया। लेकिन तब तक रोहित अपना काम कर चुके थे।
आर अश्विन - दूसरा दिन- 5 विकेट, तीसरा दिन- 106 रन
जब भारत की पारी 329 रनों पर समाप्त हो गई तो इंग्लैंड की पारी को 134 रनों पर धराशाही करने का श्रेय जाता है ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को जिन्होंने 43 रन देकर इंग्लैंड के 5 विकेट झटके। इस कारण भारत पहली पारी के आधार पर 195 रनों की विशाल बढ़त ले पाया।
अश्विन ने अपने करियर में 29वीं बार पारी में पांच विकेट लिए। आर अश्विन ने इंग्लैंड के सिबली, लॉरेंस, स्टोक्स, स्टोन और ब्रॉड का विकेट लिया। इंग्लैंड की पारी डेढ सेशन ही खेल पायी क्योंकि अश्विन की घूमती गेंदो का जवाब किसी भी बल्लेबाज के पास नहीं था।
यही नहीं दूसरे दिन अश्विन ने गेंद से कमाल दिखाया तो तीसरे दिन अश्विन ने बल्ले से इंग्लैंड को विकेट के लिए तरसाया। दूसरी पारी में भारत ने 106 रन पर भारत ने अपना छठवा विकेट गंवाया और क्रीज पर आए आर अश्विन।
अश्विन के शॉट्स देखकर तो ऐसा लग रहा था कि अश्विन अलग पिच पर खेल रहे हैं और दूसरे बल्लेबाज अलग पिच पर। दूसरे छोर से विकट गिरते रहे लेकिन अर्धशतक जमाने के बाद उनके खेल में बदलाव नहीं आया। अश्विन के 2 कैच छोड़े गए जिसका भरपूर फायदा उठाकर अश्विन ने चायकाल के बाद अपना शतक पूरा किया।यह आर अश्विन के टेस्ट करियर का पांचवा शतक था और इंग्लैंड के खिलाफ पहला। अश्विन ने अपनी 106 रनों की पारी में 14 चौके और 1 छक्का लगाया।
अक्षर पटेल- चौथा दिन- 5 विकेट
जीत की बुनियाद अगर रोहित और अश्विन ने रखी थी तो जीत पर सील बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने लगाई। गौरतलब है कि घुटने में चोट के कारण अक्षर पटेल पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे।
दूसरे टेस्ट में मिले मौके को उन्होंने खूब भुनाया। पटेल पहली पारी में 2 विकेट ले चुके थे। लेकिन असली कमाल उन्होंने दूसरी पारी में किया। अपना पहला ही टेस्ट खेल रहे अक्षर ने 21 ओवर में 60 रन देकर इंग्लैंड के 5 बल्लेबाजों को पवैलियन भेजा।
अक्षर ने डॉमिनिक सिबली, जैक लीच, ओली पोप, जो रूट, ओली स्टोन के विकेट झटके। जड़ेजा की जगह खेल रहे अक्षर ने बल्ले से नहीं तो कम से कम गेंद से यह जरूर साबित कर दिया कि वह जड़ेजा के परफेक्ट सब्सटीट्यूट हैं। (वेबदुनिया डेस्क)