जिस पिच पर किसी भी गेंद पर बल्लेबाज का नाम लिखा हो सकता है उस पिच पर एकदिवसीय शैली में टेस्ट शतक लगाना एक खास बात है। रोहित शर्मा ने अपने करियर का सातवां टेस्ट शतक लगाया।
रोहित शर्मा ने 130 गेंदो में 100 रन बनाए। एक छोर से विकेट गिरते रहे लेकिन रोहित ने अपने खेल का लहजा नहीं बदला, कम से कम पहले सत्र में तो नहीं। दूसरे सत्र में उन्होंने स्थिती को भांपा और शतक से 20 रन दूर खड़े रोहित ने धीरे खेलना शुरु किया। हालांकि 91 पर मोइन अली की गेंद पर उन्होंने छक्का मारा ताकि वह शतक के करीब पहुंच सकें।
अपनी पारी में उन्होंने अबतक 14 चौके और 2 छक्के लगाकर 131 गेंदो में 101 रन बना लिए हैं। चेन्नई के दूसरे टेस्ट से पहले उन्होनें अबतक खेले गए 36 टेस्ट मैचों में रोहित शर्मा ने 46 की औसत से 2389 रन बनाए हैं।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में रोहित शर्मा 4 शतक जमाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं उनसे ऊपर सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुशेन हैं जिन्होंने 5 शतक लगाए हैं। चेपॉक पर आया यह रोहित शर्मा का पहला शतक है।
रोहित शर्मा वनडे में एक अलग स्तर के बल्लेबाज हैं और टेस्ट में अलग। इतना फर्क शायद ही किसी खिलाड़ी में देखने को मिला हो। लेकिन आज उन्होंने अपनी वनडे वाली पारी ही टेस्ट में खेल डाली। वनडे क्रिकेट की तुलना में उनका टेस्ट डेब्यू काफी देर बाद हुआ लेकिन अब रोहित शर्मा भारतीय टेस्ट टीम में एक स्थायी सलामी बल्लेबाज के तौर पर फिट हो गए हैं।
चायकाल तक रोहित शर्मा 178 गेंदो में 132 रन बनाकर नाबाद थे। इस पारी में उन्होंने 16 चौके और 2 छक्के लगाए। वहीं उनका साथ दे रहे अजिंक्य रहाणे ने 36 रन 80 गेंदो पर बनाए जिसमें 5 चौके शामिल हैं। इस सत्र में भारत ने मात्र 83 रन जोड़े लेकिन अच्छी बात यह रही कि विकेट एक भी नहीं खोया।
टीम इंडिया का स्कोर जब 248 पर पहुंचा तो रोहित ने लीच पर एक बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में मोईन को कैच थमा दिया। आउट होने से पहले रोहित ने 231 गेंदों पर 161 रन की पारी में 18 चौके और दो छक्के लगाए।(वेबदुनिया डेस्क)