कुआलालंपुर: एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) ने अगले दो साल के क्रिकेट कैलेंडर को लेकर अपने अध्यक्ष जय शाह का बचाव करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन नजम सेठी के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया ।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव और एसीसी अध्यक्ष शाह ने गुरुवार को दो साल के कार्यक्रम कैलेंडर (एसीसी) को ट्विटर पर साझा किया था। इसके बाद सेठी ने आरोप लगाया था कि एसीसी का कार्यक्रम साझा करने से पहले पीसीबी को कोई जानकारी नहीं दी गयी थी।
उन्होंने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, एसीसी की नयी संरचना और कैलेंडर 2023-24 को एकतरफा तरीके से जारी करने के लिए जय शाह को धन्यवाद, विशेष रूप से एशिया कप 2023 से लिए जिसका पाकिस्तान मेजबान है। जब आप हर चीज का फैसला खुद ही कर रहे हैं, तो आप हमारे पीएसएल 2023 की संरचना और कैलेंडर भी जारी कर सकते है। इसके जवाब की प्रतीक्षा है।
एसीसी ने शुक्रवार को जारी अपने बयान में कहा कि पीसीबी के साथ अन्य सदस्य देशों को 22 दिसंबर (2022) को ही कार्यक्रम के बारे में सूचित कर दिया गया था लेकिन उनकी (पीसीबी) तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
शाह द्वारा घोषित कार्यक्रम के मुताबिक एशिया कप को सितंबर 2023 में एकदिवसीय प्रारूप में खेला जाना है लेकिन इसमें मेजबान देश का जिक्र नहीं है।बीसीसीआई सचिव के तौर पर शाह पहले (अक्टूबर 2022) ही कह चुके है कि भारत इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा।
एसीसी ने सेठी के आरोपों का जवाब देते हुए शुक्रवार को कहा, यह हमारी जानकारी में आया है कि पीसीबी अध्यक्ष नजम सेठी ने एसीसी अध्यक्ष (शाह) द्वारा कैलेंडर को अंतिम रूप देने और उसकी घोषणा पर एकतरफा निर्णय लेने की टिप्पणी की है। एसीसी स्पष्ट करना चाहता है कि इस मामले में उसने स्थापित उचित प्रक्रिया का पालन किया है।
एसीसी ने इस बयान में मीडिया के साथ टाइमलाइन भी साझा की जिसका मतलब है कि पीसीबी अध्यक्ष झूठ बोल रहे है।
इसमें कहा गया, 13 दिसंबर 2022 को आयोजित एक बैठक में कैलेंडर को इसकी विकास समिति और वित्त एवं विपणन समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था। कैलेंडर को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) सहित सभी भाग लेने वाले सदस्यों को एक ई-मेल के माध्यम से 22 दिसंबर 2022 को सूचित किया गया था।
पीसीबी ने पिछले दो हफ्तों में प्रस्तावित कैलेंडर में किसी तरह के संशोधन की मांग नहीं की और इसलिए कार्यक्रम की सार्वजनिक घोषणा कर दी गयी।
कुछ सदस्य बोर्डों से हालांकि प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुईं। पीसीबी से कोई टिप्पणी या संशोधन से संबंधित सुझाव प्राप्त नहीं हुए। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सेठी की टिप्पणियां निराधार हैं और एसीसी द्वारा इसका पुरजोर खंडन किया जाता है।