कोलंबो। बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने श्रीलंका के खिलाफ निधास ट्रॉफी त्रिकोणीय टी-20 मैच में जीत के बाद अपनी भावनाओं पर काबू रखने की सौगंध खाई। मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ी आपस में भिड़ गए थे।
दोनों टीमों के लिए यह मैच सेमीफाइनल जैसा था जिसमें बांग्लादेश ने श्रीलंका को 2 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई, जहां रविवार को उसका सामना भारत से होगा। लेकिन यह रोमांचक मैच गलत कारणों की वजह से चर्चा में आ गया। आर. प्रेमदासा स्टेडियम में यह घटना आखिरी ओवर में घटी, जब बांग्लादेश को जीत के लिए 12 रन चाहिए थे। मैदानी अंपायरों ने इसुरू उदाना की जान-बूझकर की गई लगातार दूसरी शॉर्ट पिच गेंद को नोबॉल नहीं दिया।
अंपायरों के फैसले से खफा शाकिब पैवेलियन से उतरकर सीमा रेखा के पास पहुंच गए और उन्होंने अपने बल्लेबाजों को वापस लौटने का इशारा किया लेकिन बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और बांग्लादेश ने शानदार जीत दर्ज की।
शाकिब ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं उन्हें वापस नहीं बुला रहा था। मैं उन्हें खेलते रहने के लिए कह रहा था। आप इसे दोनों तरह से ले सकते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप इसे किस तरह से देखते हो? उन्होंने कहा कि कई चीजें होती हैं जिन्हें नहीं होना चाहिए। मुझे शांत बने रहने की जरूरत है। मैं अतिउत्साह में था। वे रोमांचक पल थे। मुझे पता होना चाहिए कि अगली बार ऐसी स्थिति में कैसी प्रतिक्रिया करनी है। मैं सतर्क रहूंगा।
शाकिब ने कहा कि मैदान पर जो कुछ होता है वह बाहर नहीं होना चाहिए। हम अच्छे दोस्त हैं। दोनों बोर्डों के बहुत अच्छे रिश्ते हैं। हम एक-दूसरे की काफी मदद करते हैं। मैं किसी भी हाल में टीम की जीत चाहता था और वे भी ऐसा चाहते थे।
बांग्लादेश के खिलाड़ियों का जीत के बाद जश्न मनाने का तरीका भी अच्छा नहीं था। उनके ड्रेसिंग रूम में कांच से बना दरवाजा टूटा पाया गया। बांग्लादेश टीम प्रबंधन ने आरोपों पर जवाब नहीं दिया लेकिन पता चला है कि उन्होंने नुकसान की भरपाई करने की पेशकश की है। आईसीसी ने अभी तक इस मामले पर टिप्पणी नहीं की है। मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड ने घटना के वीडियो फुटेज मंगाए हैं। (भाषा)