नई दिल्ली। बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी ने यौन उत्पीड़न के मामले में तीन सदस्यीय जांच समिति से आरोप मुक्त होने के बाद कहा कि पिछले छह सप्ताह उनकी जिंदगी का सबसे मुश्किल समय था।
बहुत बुरा वक्त झेला : जौहरी ने बुधवार को बीसीसीआई में अपना कामकाज संभालने के बाद कहा, मैं आज अपने कार्यालय में लौट आया हूं और सभी सहयोगियों ने गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया। पिछले डेढ़ महीने मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी कठिन रहे हैं। मैं चाहूंगा की जो मैंने जो बुरा वक्त झेला है, वैसा किसी के साथ ना हो।
इस्तीफे की खबर अफवाह : ऐसे भी खबरें थी की जौहरी ने इन आरोपों के बाद इस्तीफा सौंप दिया है लेकिन उन्होंने इसे सिर्फ अफवाह करार दिया। जौहरी ने कहा, यह पूरी तरह से बकवास है, मैंने आज से अपना कामकाज संभाल लिया है और संस्था के सीईओ के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभाऊंगा।
परिवार और दोस्तों का मिला साथ : बीसीसीआई के इस सीईओ ने कहा कि जांच आयोग के समक्ष जब वह पेश हुए तो उन्हें परिवार का भी पूरा साथ मिला। उन्होंने कहा, मेरी पत्नी सीमा और दोनों बेटे मेरी कानूनी टीम के साथ बैठे थे। वे मेरे बचाव का हिस्सा थे। अगर मुझे परिवार और दोस्तों का साथ नहीं मिला होता तो मेरे लिए मानसिक तौर पर यह लड़ाई लड़ना मुश्किल होता।
महिला पत्रकार ने लगाया था आरोप : महिला पत्रकार हरनिद्ध कौर ने मी टू अभियान के तहत नौकरी देने के बहाने यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। कौर का आरोप था कि जब डिस्कवरी चैनल में थे, तब वे मुझे कॉफी पर मिलने के लिए बुलाया करते थे। जौहरी सीओए ने इस मामले पर राहुल से जवाब मांगा था।
सीओए ने दी जौहरी को क्लीन चिट : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने महिला पत्रकार हरनिद्ध कौर के आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। सीओए के दोनों सदस्य एकमत थे, लिहाजा उन्हें क्लीन चिट दी। इससे पहले तीन सदस्यों की कमेटी में शामिल इलाहाबाद कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन बरखा सिंह और महिला अधिकारों की वकील वीना गौड़ा ने अपनी रिपोर्ट सीओए को सौंपी थी।