नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए अब क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराना अनिवार्य होगा, जिसके निर्देश उसे केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से दिए गए हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अब तक खिलाड़ियों की निजता का हवाला देते हुए विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के नियमों को लागू नहीं किया है। बोर्ड की यह भी दलील है कि बीसीसीआई सरकार से आर्थिक सहायता नहीं लेती है और एक निजी संस्था होने के नाते उस पर वाडा के नियमों को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
हालांकि खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को निर्देश दिए हैं कि वह भारतीय क्रिकेटरों के डोप टेस्ट सुनिश्चित करे जिसमें स्पर्धा के दौरान और स्पर्धा के अलावा डोप टेस्ट किया जाना शामिल है। मीडिया में आयी खबरों के अनुसार वाडा ने केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धनसिंह राठौर को पत्र लिखकर कहा है कि वह बीसीसीआई को वाडा के नियमों को लागू करने के लिए बाध्य करे नहीं तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे।
वाडा ने साथ ही नाडा को भी ऐसा नहीं करने पर उसकी मान्यता रद्द करने के भी सख्त संकेत दिए हैं जिससे बाकी के खेलों पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इस बीच खेल मंत्रालय ने भी वाडा के निर्देशों को गंभीरता से लेते हुए बीसीसीआई में डोपिंग नियमों को लागू कराने के लिए उसे अदालत तक ले जाने के संकेत दिए हैं।
गौरतलब है कि देश की राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी की बजाय बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों के टेस्ट स्वीडन स्थित कंपनी आईडीटीएम से कराता है। खेल सचिव राहुल भटनागर ने कहा कि हमने नाडा के महानिदेशक को उनके अधिकारियों को भारतीय क्रिकेटरों के नमूने लेने के निर्देश दिए हैं। बीसीसीआई यदि उन्हें इससे रोकता है तो हम उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे। (वार्ता)