नई दिल्ली। बीसीसीआई ने पिछले महीने पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता जतिन परांजपे को फरवरी से सितंबर 2017 के पेशेवर शुल्क के रूप में 43.20 लाख रुपए का भुगतान किया जबकि इस दौरान वे राष्ट्रीय चयनकर्ता नहीं थे। परांजपे को लोढ़ा समिति की सिफारिशों के कारण पिछले साल जनवरी में पद से हटा दिया गया था।
सिफारिशों के अनुसार जिस खिलाड़ी ने टेस्ट मैच नहीं खेला हो वह चयनकर्ता नहीं बन सकता है। इसके बाद परांजपे और गगन खोड़ा को चयन पैनल से हटना पड़ा। इसके बाद पैनल के सदस्यों की संख्या तीन रह गई। बीसीसीआई ने हालांकि हाल में अपनी वेबसाइट पर 25 लाख रुपए से अधिक भुगतान का विवरण दिया है और इसमें परांजपे को उस समय के लिए भी भुगतान किया गया है जबकि वे चयनकर्ता नहीं थे।
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि ‘हां, परांजपे को इस दौर के लिए पेशेवर शुल्क के रूप में 43.20 लाख रुपए का भुगतान किया गया है क्योंकि एक चयनकर्ता का अनुबंध हर वर्ष सितंबर तक होता है जबकि वार्षिक आम बैठक होती है।
उन्होंने कहा कि पैनल से हटना परांजपे की गलती नहीं थी, इसलिए सात महीने के इस समय के लिए उनकी सेवाएं नहीं लेने के बावजूद हमने उनका भुगतान किया। इस मामले में उनकी जीविका प्रभावित हो रही थी जबकि उनकी कोई गलती नहीं थी। बीसीसीआई ने इसके साथ ही सभी आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों को 12 से 14 करोड़ रुपए का भुगतान किया।
राज्य संघों में कैब और डीडीसीए को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान टेस्ट मैचों की मेजबानी करने के लिए प्रत्येक को 2.90 करोड़ रुपए दिए गए। भुवनेश्वर कुमार और रोहित शर्मा को श्रीलंका दौरे के लिए क्रमश: 83.68 लाख और 75.97 लाख रुपए का भुगतान किया गया। चेतेश्वर पुजारा को श्रीलंका दौरे के लिए 66 लाख रुपए और युवराजसिंह को वेस्टइंडीज दौरे के लिए 35.45 लाख रुपए का भुगतान किया गया। (भाषा)