नई दिल्ली:भारतीय खिलाड़ी तो विश्व स्तर पर अपना नाम ऊंचा कर जाते हैं लेकिन जब कोचिंग की बात आती है तो कोई राष्ट्रीय टीम खासकर विदेशी टीम उनसे कन्नी काट लेती है। बिरले ही भारतीय कोच किसी विदेशी टीम की कोचिंग करते हुए दिखे हैं।
बहुत पहले संदीप पाटिल केन्या क्रिकेट टीम के कोच थे। हाल फिलहाल लालचंद राजपूत जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के कोच हैं। दूसरी टीमें भी भारत से कोच लें इसके लिए बीसीसीआई ने एक बड़ा कदम उठाया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) ने 75 से अधिक प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेटरों के लिए टू फास्ट ट्रैक लेवल टू कोर्स आयोजित किया है।
बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। इस कोर्स में ऋषिकेश कानित्कर, अभिनव मुकुंद, रमेश पोवार,वसीम जाफर, सरनदीप सिंह, देवाशीष मोहंती, विनय कुमार, लक्ष्मीपति बालाजी और रोबिन उथप्पा जैसे क्रिकेटरों ने हिस्सा लिया।
कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन कोर्साें का आयोजन किया गया। कोर्स के पहले चरण को चार दिन में ऑनलाइन पूरा कर लिया गया, जिसके बाद दूसरा चरण एनसीए में आयोजित हुआ जो चार दिन तक चला। इन कोर्साें में कई विषय शामिल किए गए, जिनमें कौशल अधिग्रहण, तेज गेंदबाजी में एप्लाइड बायोमैकेनिक्स, स्पिन गेंदबाजी, बल्लेबाजी, विकेटकीपिंग, सामाजिक एवं व्यक्तिगत क्षमता का निर्माण और वीडियो विश्लेषण आदि शामिल थे।
बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इन कोर्साें पर टिप्पणी करते हुए कहा, ' मेरा मानना है कि हमारे पास दुनिया में कुछ बेहतरीन कोचिंग प्रतिभाएं मौजूद हैं और एनसीए द्वारा आयोजित इन कोर्साें से इसमें हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को न केवल मदद मिलेगी, बल्कि उन क्रिकेटरों की पीढ़ी को भी फायदा होगा, जिन्हें ये कोच कोचिंग देंगे।
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा, ' बीसीसीआई ने हमेशा अपने कोचों को तैयार करने के लिए अपना समर्थन दिया है और ये कोर्स उसी बात का प्रमाण है। यह देखना सुखद है कि पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए खुद को कोच के रूप में तैयार किया है। भारतीय क्रिकेट का भविष्य इन क्रिकेटरों की मौजूदगी से काफी सुरक्षित नजर आता है। '(वार्ता)