लंदन: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट एक बहुत छोटी सी दुनिया है और शायद इसे डुनेडिन के बेटे से बेहतर कोई नहीं समझ सकता है। यह एक ऐसे शहर की तरह है जहां हर कोई हर किसी को जानता है और लंबे समय तक किसी का अपना व्यवसाय नहीं रहता। शुक्रवार को ब्रेंडन मैकुलम ने इंग्लैंड के प्रशिक्षण जैकेट को पहनने के बाद इस मिश्रित भावना को स्वीकार भी किया, वह भी तब जब एक हफ़्ते के भीतर ही उनके सामने अपने ही देश की टीम और उसके खिलाड़ी होंगे।
मैकुलम ने लॉर्ड्स में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि न्यूज़ीलैंड की बालकनी को कभी-कभी देखना मुश्किल होगा लेकिन यही जीवन है। मुझे अपनी विरासत पर बहुत गर्व है, अपने पालन-पोषण पर बहुत गर्व है और जो मैं अपने देश के लिए हासिल करने में सक्षम हुआ उस पर भी नाज़ है। हालांकि यह एक ऐसा काम है जहां आपको बदलाव लाने की कोशिश करने का काम सौंपा जा रहा है और उम्मीद है कि आप कुछ ऐसा करें जो भविष्य में लंबे समय तक चले। यह एक बहुत ही आकर्षक अवसर है।"
उनके अनुमान से, यह एक बहुत ज़रूरी अवसर भी है। टी20 की पूरी क्रांति के एक दशक के बाद भी खेल के कई दिग्गज यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं - जैसा कि मैकुलम अपनी नई भूमिका की प्रकृति के बावजूद आसानी से करते हैं कि टेस्ट क्रिकेट "उतना लोकप्रिय नहीं है जैसा कि पहले हुआ करता था"। शायद इस तरह के सफ़ेद सच बोलने के लिए एक कीवी की ज़रूरत होती है।
यहां तक कि जब वे अपनी पहली वैश्विक ट्रॉफी को संजोते हुए टेस्ट क्रिकेट के शिखर में बैठते हैं, न्यूज़ीलैंड को पता है कि वे क्रिकेट की अधिक विकसित अर्थव्यवस्थाओं की दया पर बने हुए हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया अभी भी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहे हैं और उन्होंने पिछले 12 महीनों में दशक का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेट का प्रदर्शन भी किया है। हालांकि इंग्लैंड - 17 में एक जीत के साथ, जिसमें एक लापरवाह एशेज़ हार भी शामिल है, निश्चित तौर पर वह कहीं नहीं है। जैसा कि ख़ुद मैकुलम मानते हैं, इस प्रारूप के वातावरण को पोषित करने में इंग्लैंड की विफलता पूरे खेल को खतरे में डालती है।
मैकुलम ने कहा, "अगर टेस्ट क्रिकेट को जीवित रहना है और फलना-फूलना है, तो इंग्लैंड का शीर्ष पर बने रहना ज़रूरी है। इंग्लैंड और यूके के लोगों में टेस्ट क्रिकेट के प्रति समर्थन को देखते हुए अगर एशेज़ प्रतिस्पर्धी नहीं है या अगर इंग्लैंड नंबर 1 स्थान की ओर अग्रसर नहीं है तो टेस्ट क्रिकेट मुश्किल में है। किसी और के पास वही स्नेह या खेल को टिकाऊ बनाने की क्षमता नहीं है, मुझे लगता है, इसलिए यह एक बड़ी चुनौतियों में से एक है।"
मैकुलम के दौर में एक भी गेंद फेंके जाने से पहले ही ऐसा लगता है जैसे उनकी भूमिका से सारा रहस्य छीन लिया गया है। वह इस सदी के छह में से इंग्लैंड के चौथे विदेशी टेस्ट कोच हो सकते हैं, लेकिन वह डंकन फ़्लेचर नहीं हैं। उनके तौर तरीक़ों के बारे में कुछ भी अचूक नहीं है, इसका कतई यह मतलब नहीं है कि वह छह सप्ताह ड्रेसिंग रूम के कोने में दुबके रहेंगे।
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि मेरा कौशल मुश्किलों से घिरी एक टीम को से एक ऐसी टीम में तब्दील करने के आसपास है, जिसे दीर्घकालिक स्थायी सफलता मिले। आप हमेशा इसे हासिल करने वाले नहीं हैं। हम देखेंगे कि हम आगे कैसे जाते हैं। लेकिन अगर आप किसी चीज़ के लिए अपना पूरा जीवन बदलने जा रहे हैं, तो यह एक बहुत बड़ी चुनौती होगी।" मैकुलम ने अपनी प्रारंभिक चयन बैठक में पीछे की सीट ले ली, यह विश्वास करते हुए कि उनके विचार मोटे तौर पर कप्तान बेन स्टोक्स के विचारों से मेल खाते हैं।
मैकुलम ने कहा, "मेरा पहला काम एक ताज़ा और नया दृष्टिकोण लाना है। यह किसी ऐसे व्यक्ति को खोजने के बारे में नहीं है जिसके पास बेहतर कवर ड्राइव या बेहतर हुक शॉट है, यह सिर्फ़ लोगों को अच्छे निर्णय लेने में सक्षम बनाने का है क्योंकि वह एक स्पष्ट दृष्टिकोण और सकारात्मक वातावरण में हैं। क्रिकेट खेलने के लिए बहुत अच्छा खेल है। यह एक अच्छा खेल तब नहीं है जब आप अन्य सभी चीज़ों के बारे में चिंतित होते हैं जो चल रहा है। यही वह संदेश होगा जो मैं लड़कों तक पहुंचाता रहता हूं।"(वार्ता)