लंदन। भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को खेले जाने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के महामुकाबले को लेकर रोमांच बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने माना कि इस अहम मुकाबले में गत चैंपियन भारत का ही पलड़ा भारी है।
इंग्लैंड की मेजबानी में एक जून से शुरू हुई आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ग्रुप बी के मुकाबले में एजबेस्टन में चार जून को चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले से अपने खिताब बचाओ अभियान की शुरुआत करेगा।
अफरीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कॉलम में लिखा, 'जुनूनी पाकिस्तानी समर्थक के तौर पर यह सामान्य ही है कि मैं चाहूंगा कि मेरी टीम जीत दर्ज करे, खासकर भारत के खिलाफ। हालांकि हाल के इतिहास और भारतीय टीम की गहराई से, इस मैच में गत चैंपियन भारत का पलड़ा भारी है।'
भारत और पाकिस्तान ने पिछले तीन वर्षों में मात्र दो एकदिवसीय अंतररष्ट्रीय मैच ही खेले हैं। लेकिन ओवरऑल रिकार्ड की बात करें तो भारत और पाकिस्तान अब तक 127 बार आमने-सामने हो चुके हैं। इनमें से पाकिस्तान ने 72 और भारत ने 51 मैच जीते हैं। चार मैचों का कोई परिणाम नहीं रहा है।
पाकिस्तान के लिए 398 वनडे खेलने वाले अफरीदी ने कहा, 'कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में भारत का बल्लेबाजी क्रम काफी मजबूत है जिसकी बदौलत वह किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को तहस नहस कर सकता है। विराट की शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के तौर पर काबिलियत सभी को पता है और उन्होंने वनडे में कई शानदार पारियां खेली हैं। अगर पाकिस्तान विराट को सस्ते में आउट कर देता है तो इससे उसकी भारत को कम स्कोर पर समेटने की उम्मीद काफी बढ़ जाएगी।'
अफरीदी का मानना है कि भारत के पास भी अपने मजबूत बल्लेबाजी लाइन अप की तरह ही गेंदबाजी में भी शानदार आक्रमण है।
37 वर्षीय अफरीदी ने कहा कि हालांकि बल्लेबाजी भारत की पारंपरिक मजबूती रही है, इसका गेंदबाजी आक्रमण भी काफी संतुलित है। आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई में कुछ बेहतरीन गेंदबाज शामिल हैं। उन्होंने भारत की तीन प्रारूपों में हालिया सफलताओं में काफी अहम योगदान दिया है।
पूर्व ऑलराउंडर ने डेथ ओवरों के यार्कर स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की तारीफ करते हुए कहा, 'मैं युवा गेंदबाज बुमराह की योग्यता और मानसिकता से बेहद प्रभावित हुआ हूं। वह वो गेंद करते हैं जिसे मैं पाकिस्तानी यॉर्कर कहता हूं। वह मुझे हमारे उन गेंदबाजों की याद दिलाते हैं जिन्होंने खासकर 90 के दशक में इस गेंद में महारत हासिल की थी।' (वार्ता)