मेलबोर्न। भारतीय पारी के शतकधारी चेतेश्वर पुजारा ने गुरुवार को कहा कि मेलबोर्न की पिच पर रन बनाना आसान नहीं है और भारत के पहली पारी के 443 रन जीत के लिए पर्याप्त हैं।
पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में 319 गेंदों का सामना किया, 116.5 ओवरों तक विकेट पर टिके रहे और 106 रन बनाए। पुजारा ने दूसरे दिन के खेल के बाद कहा कि पिच पर रन बनाना काफी मुश्किल है। अगर आप पहले 2 दिन को देखें तो रनों की संख्या कम दिखाई देगी। लेकिन इस पिच पर एक दिन में 200 रन भी काफी मुश्किल हैं इसलिए मुझे लगता है कि हमने स्कोर बोर्ड पर पर्याप्त रन टांग दिए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आप पिच को देखें तो यह टूटना शुरू हो गई है और पिच पर असमान उछाल दिखाई दे रही है। मैंने बुधवार और गुरुवार को बल्लेबाजी की और दोनों दिनों में अंतर दिखाई दिया है इसलिए मुझे नहीं लगता कि आगे बल्लेबाजी करना आसान होगा। शु्क्रवार से यह पिच बल्लेबाजी के लिए और मुश्किल होती चली जाएगी। हमारे गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं इसलिए मेरा मानना है कि हमने पर्याप्त स्कोर बना लिया है।
मैच में दूसरे दिन भारत ने अपनी पारी 7 विकेट पर 443 रन पर घोषित की। दिन के खेल में कई गेंदों ने उछाल लिया और बल्लेबाजों के दस्तानों से टकराई जबकि कुछ गेंदें नीची रह गईं। पुजारा तेज गेंदबाज पैट कमिंस की जिस गेंद पर बोल्ड हुए। वह नीची रह गई थी और आउट होने के समय पुजारा यकीन नहीं कर पा रहे थे कि गेंद इतनी नीची रह जाएगी।
अपने शतक के लिए उन्होंने कहा कि मुझे अपने शतक तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। मैंने 4 सत्र से ज्यादा का समय लगाया और शतक पूरा किया। मैं आमतौर पर 3 से 4 सत्र के अंदर अपना शतक पूरा कर लेता हूं लेकिन यहां मुझे 4 सत्रों से अधिक बल्लेबाजी करनी पड़ी। एक बल्लेबाज के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण पिच है जिस पर स्कोरिंग आसान नहीं है।