कानपुर: न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में टीम की कमान संभालने वाले अजिंक्या रहाणे भी कुछ समय से बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं, लेकिन चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि वह बड़े स्कोर से सिर्फ एक पारी दूर हैं।
कागज पर देखा जाए तो अजिंक्य रहाणे का प्रदर्शन लचर ही रहा है। अपने पिछले 15 टेस्ट मैचों में अजिंक्य रहाणे ने 24.76 की औसत से 644 रन बनाए हैं। घरेलू और विदेशी पिच पर उन्हें रन बनाने में फिलहाल तकलीफ महसूस हुई है। रहाणे ने अपना आखिरी टेस्ट शतक साल 2020 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया था। जिसको लगभग एक साल हो गए हैं।
भाजपा के सांसद और पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने एक स्पोर्ट्स चैनल के कार्यक्रम में कहा कि अजिंक्य रहाणे को खुद को भाग्यशाली समझना चाहिए कि उनको टीम में सिर्फ इस कारण रखा जा रहा है कि कप्तान विराट कोहली की गैर मौजूदगी में कप्तानी कौन संभालेगा।
वैसे तो चेतेश्वर पुजारा भी खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं हैं लेकिन इस दौरान अपने कप्तान पर हुए हमले के बीच उन्होंने कहा है कि अजिंक्य रहाणे अपने फॉर्म से सिर्फ एक पारी दूर है।
पुजारा ने कहा, “ अजिंक्या एक महान खिलाड़ी हैं, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जब खिलाड़ी मुश्किल समय से गुजरता है और यह खेल का हिस्सा है। उतार-चढ़ाव आएंगे, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि वह बड़ा स्कोर हासिल करने से सिर्फ एक पारी दूर हैं। शतक या बड़ी पारी के साथ ही वह लय हासिल कर लेंगे। ”
नहीं है शतक की चिंता
न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी गुरुवार को पहले टेस्ट मैच में उप कप्तान के रूप में खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा ने अपने फॉर्म को लेकर कहा कि उन्हें शतक की चिंता नहीं है। उनका काम टीम के लिए अच्छी बल्लेबाजी करना है और वह ऐसा कर रहे हैं। लय में वापस आना केवल एक पारी की बात है।
पुजारा ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ जहां तक मेरे शतक की बात है तो यह जब आएगा तब आएगा। मेरा काम टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना है। ऐसा नहीं है कि मैं रन नहीं बना रहा हूं। मैं 50, 80 और 90 रनों की पारी खेल रहा हूं। मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं और टीम के लिए योगदान दे रहा हूं। मुझे अपने शतक की परवाह नहीं है। यह एक पारी की बात है। ”
33 वर्षीय पुजाना ने ने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि निडर होकर बल्लेबाजी करने से उनकी लय लौटी है और वह अब खुद पर गैरजरूरी दबाव नहीं डालेंगे। उन्होंने इंग्लैंड में पिछली टेस्ट सीरीज में आक्रामक बल्लेबाजी पर कहा, “ जब प्रदर्शन की बात आती है तो मुझे लगता है कि मानसिकता थोड़ी अलग थी, लेकिन जब तकनीक की बात आती है तो मुझे नहीं लगता कि कोई बड़ा बदलाव आया है। यह सिर्फ दृष्टिकोण की बात थी और मैं थोड़ा निडर था, जिससे मुझे मदद मिली। आपको खुद पर बहुत अधिक दबाव डालने की जरूरत नहीं है और जो कुछ हो रहा है उसके बारे में बहुत अधिक चिंता करने के बजाय केवल कोशिश करें कि वहां जाएं और खेल का आनंद लें। इंग्लैंड सीरीज के दौरान मेरी यही मानसिकता थी। अब तक तैयारी अच्छी रही है और भारतीय परिस्थितियों में खेलने के अनुभव से अगले कुछ टेस्ट मैचों में मदद मिलेगी। ”
उल्लेखनीय है कि पुजारा ने जनवरी 2019 के बाद से टेस्ट शतक नहीं लगाया है, लेकिन उनके लिए यह कोई समस्या नहीं है। चेतेश्वर पुजारा ने आखिरी बार अपने बल्ले से शतक साल 2019 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़ा था। इस शतक को वह दोहरे शतक में तब्दील करने से चूक गए थे। उन्होंने अपनी आखिरी छह टेस्ट पारियों में केवल 133 रन बनाए हैं।
हाल ही में चेतेश्वर पुजारा ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 6 हजारी बने थे। अब तक खेले कुल 90 मैचों में 45 की औसत से पुजारा 6494 रन बना चुके हैं।
इस साल अब तक वह सिर्फ 2 अर्धशतक बना पाए हैं और दोनों इंग्लैंड के खिलाफ आए हैं। इसमें से एक शतक घरेलू पिच पर तो एक इंग्लैंड के मैदान पर लगाया गया है।