एक समय था जब चेतेश्वर पुजारा को राहुल द्रविड़ का क्लोन कहकर कमेंटेंटर उन्हें संबोधित करते थे।दोनों ही एक क्लासिक टेस्ट बल्लेबाज हैं। दोनों ही दांए हाथ के बल्लेबाज अपनी तकनीक के लिए जाने जाते हैं। खासकर ऐसी पिच पर जहां घास हो, टीम को इन दोनों से ही उम्मीद रही है।
लेकिन कोहली के साथ साथ पुजारा भी लंबे अर्से से अपने बल्ले से टेस्ट शतक खोज रहे हैं और बल्ला है कि रूठा पड़ा है। चेतेश्वर पुजारा ने आखिरी बार अपने बल्ले से शतक साल 2019 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़ा था। इस शतक को वह दोहरे शतक में तब्दील करने से चूक गए थे।
इसके बाद उन्होंने शतक तो लगाया है लेकिन यह शतक उनकी पिछली 10 पारियों में आया है। कुल 10 टेस्ट पारियों को मिलाकर पुजारा 100 रन बना पाए हैं। हाल ही में जेम्स एंडरसन के खिलाफ वह दहाई का आंकड़ा भी ना छू सके और 9 रन बनाकर आउट हो गए।
अगर उनकी पिछली 10 पारियों पर निगाह डालें तो उन्होंने 9,12, 4,15,8, 17,0,7, 21, 15 रन बनाए हैं जिसका कुल 100 रन होता है।
पुजारा ने पिछली 33 पारियों से टेस्ट शतक नहीं लगाया है। इस बीच उन्होंने 26.64 की औसत से 866 रन बनाये हैं। लार्ड्स में उन्होंने भी दो मैच खेले हैं जिनकी 5 पारियों में वह केवल 91 रन बना पाये और उनका उच्चतम स्कोर 43 रन है।
कुल मिलाकर देखें तो इंग्लैंड की पिच पर अब तक पुजारा ने कुल 9 टेस्ट खेले हैं और 1 शतक और 2 अर्धशतक की मदद से 500 से ज्यादा रन बनाए हैं। लेकिन अब यह रिकॉर्ड बीते जमाने की लग रहे हैं क्योंकि पुजारा बुरे फॉर्म से वापस ही नहीं आ पा रहे हैं।
घरेलू पिच पर भी रहे फेल
इंग्लैंड से हुई सीरीज में वह सिर्फ एक अर्धशतक ही बना पाए। यह पारी पुजारा ने पहले टेस्ट की पहली पारी में खेली थी।
पूरी सीरीज में वह 4 मैचों की 6 पारियों में 22 की औसत से 133 रन ही बना सके। इस कारण आईसीसी टेस्ट रैंकिंग के टॉप 10 बल्लेबाजों की रैंकिंग से वह बाहर हो गए थे।
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कभी 888 की करियर बेस्ट रैंकिंग पा चुके चेतेश्वर पुजारा अब आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में 18वें पायदान पर हैं। उनकी रेटिंग अभी महज 668 है। अगर ऐसा ही फॉर्म उनका चलता रहा तो वह जल्द ही टॉप 20 रैंकिंग से भी बाहर हो जाएंगे।