वेलिंगटन। सहायक कोच संजय बांगड़ का मानना है कि चौथे वनडे में भारतीय बल्लेबाजी का पतन ‘अपवाद’ था और उन्हें मध्यक्रम पर पूरा भरोसा है और कठिन हालात में बल्लेबाजों ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। हैमिल्टन में पिछले वनडे में भारतीय टीम 92 रन पर आउट हो गई थी। बांगड़ के इस बयान से बल्लेबाजों का हौंसला निश्चित तौर पर बढ़ा होगा। धोनी की वापसी से टीम का मध्यमक्रम मजबूत हुआ है। ऐसे में भारतीय बल्लेबाज वेलिंगटन में धमाकेदार वापसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बांगड़ ने पांचवें वनडे से पहले कहा, 'मध्यक्रम ने कई मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। कुछ हालात चुनौतीपूर्ण होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि मध्यक्रम ने अच्छा खेल नहीं दिखाया है।' उन्होंने कहा कि जब जरूरत होती है तो मध्यक्रम भरोसे पर खरा उतरता आया है। चौथा मैच अपवाद था।
बांगड़ ने जनवरी 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ कटक मैच, अक्टूबर 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इंदौर मैच और आस्ट्रेलिया के खिलाफ जनवरी 2019 में मेलबर्न मैच का हवाला दिया। पूर्व हरफनमौला ने कहा कि यदि शीर्षक्रम के बल्लेबाज अच्छा खेल रहे हैं तो मध्यक्रम को उतने मौके नहीं मिलते। यह उन श्रृंखलाओं में से एक है जिसमें शीर्षक्रम में से कोई शतक नहीं बना सका और मध्यक्रम को काफी मौका मिला। उन्होंने मौका मिलने पर फिनिशर की भूमिका भी बखूबी निभाई।
उन्होंने कहा, 'यह एक खराब मैच था। हमें पता है कि हम अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं खेले। हमें इसे भूलकर अगले मैच पर फोकस करना होगा।'
बांगड़ ने कहा कि टीम प्रबंधन खिलाड़ियों को रोटेट करने की कोशिश कर रहा है ताकि सभी को मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि हम सभी को मौका देने की कोशिश कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में जान बूझकर ऐसा किया गया और यहां भी खिलाड़ियों को रोटेट कर रहे हैं।