जोहानिसबर्ग। 93 टेस्ट मैचों में 439 विकेट लेने वाले दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक और लंबे समय तक दक्षिण अफ्रीका के आक्रमण के अगुआ रहे डेल स्टेन ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया लेकिन वे खेल के छोटे प्रारूपों में खेलते रहेंगे।
दक्षिण अफ्रीका की तरफ से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले 36 साल के स्टेन ने कहा कि आज (सोमवार को) मैं खेल के उस प्रारूप को अलविदा कह रहा हूं जिसे मैं सबसे अधिक चाहता हूं।
स्टेन ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ पोर्ट एलिजाबेथ में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच इसी मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ इस साल फरवरी में खेला था। वे एकदिवसीय और टी-20 अंतरराष्ट्रीय खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
स्टेन ने कहा कि मेरी राय में टेस्ट क्रिकेट इस खेल का सर्वश्रेष्ठ प्रारूप है। यह मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से आपकी परीक्षा लेता है। यह सोचकर बहुत बुरा लग रहा है कि मैं आगे टेस्ट नहीं खेल पाऊंगा लेकिन फिर कभी नहीं खेल पाने के बारे में सोचकर तो रूह ही कांप उठती है।
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं अब अपना पूरा ध्यान वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय पर लगाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मैं खेल में लंबे समय तक बना रहूं। मैं अब दक्षिण अफ्रीका की तरफ से छोटे प्रारूपों में खेलना जारी रखने को लेकर उत्साहित हूं।
स्टेन ने 93 टेस्ट मैचों में 439 विकेट लिए और वे सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों में की सूची में शीर्ष 10 में शामिल हैं। उन्होंने अपने करियर में 26 बार पारी में 5 या इससे अधिक विकेट और मैच में 5 बार 10 या इससे अधिक विकेट लिए। उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में 1,251 रन भी बनाए जिसमें 2अर्द्धशतक शामिल हैं।
स्टेन अपने करियर के दौरान चोटों से जूझते रहे। चोटिल होने के कारण ही वे पिछले महीने इंग्लैंड में समाप्त हुए विश्व कप में भी नहीं खेल पाए थे। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के मुख्य कार्यकारी तबांग मूरे ने स्टेन को सर्वकालिक महान क्रिकेटरों से एक करार दिया।
उन्होंने कहा कि वह विश्व क्रिकेट के बेजोड़ तेज गेंदबाजों से में एक था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी आक्रमण की शानदार तरीके से अगुवाई की और हमारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक मानदंड तैयार किया। वे हमारे युवा तेज गेंदबाजों के लिए बेहतरीन मेंटर रहे हैं। (भाषा)